Wednesday, 15 July 2015

तुम्हाला हे माहित आहे का ?

महान हस्तियों का जन्म...
Jan...
12-1-1863 स्वामी विवेकानंद
28-1-1865 लाला लजपतराय
1-1-1894 जगदीश चंद्र बोंज
23-1-1897 सुभाष चंद्र बोंज
13-1-1949 राकेश शर्मा
20-1-1900 जनरल के.ऍम.    करिअप्पा
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Feb...
18-2-1486 महाप्रभु चेतन्य
18-2-1836 रामकुष्ण परमहंस
22-2-1873 मोहम्मद इकबाल
13-2-1879 सरोजिनी नायडु
29-2-1896 मोरारजी देसाइ
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March...
23-3-1910 डॉ. राममनोहर लोहिया
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April...
15-4-1469 गुरु नानक देवजी
14-4-1563 गुरु अर्जुन देवजी
14-4-1891 डॉ.भीमराव                   आंबेडकर
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May...
5-5-1479   गुरु अमरदास
31-5-1539 महाराणा प्रताप
6-5-1861   मोतीलाल नेहरु
7-5-1861   रविन्द्रनाथ टेगोर
9-5-1866   गोपालकृष्ण गोखले
24-5-1907 महादेवी वर्मा
2-5-1921   सत्यजित राय
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Jun...
26-6-1838 बंकिमचंद्र चट्टो         पाध्याय
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July...
23-7-1856 लोकमान्य तिलक
31-7-1880 प्रेमचंद मुनशी
29-7-1904 जे. आर. डी. टाटा
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Aug...
27-8-1910  मधर टेरेसा
29-8-1905  ध्यानचंद
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Sept...
26-9-1820 ईश्वरचंद्र           विद्यासागर
4-9-1825  दादाभाई नवरोजी
10-9-1887 गोविंद वल्लभ पंत
5-9-1888  डॉ. राधाकृष्ण
11-9-1895 विनोबा भावे
27-9-1907 भगतसिंह
15-9-1861 ऍम.विश्वसरेइया
15-9-1876 शरदचंद्र चटोपाध्याय
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Oct...
1-10-1847 डॉ. ऐनी.बेसन्ट
2-10-1869 महात्मा गांधीजी
22-10-1873 स्वामी रामतीर्थ
31-10-1875 सरदार वल्लभभाई पटेल
31-10-1889 आचार्य नरेन्द्रदवे
11-10-1902 जयप्रकाश नारायण
30-10-1909 डॉ. होमी भाभा
19-10-1920 पांडुरंग शास्त्रीजी
आठवले पु. दादा
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Nove...
13-11-1780 महाराणा रणजीतसिंह
4-11-1845 वासुदेव बळवंत फडके
7-11-1858 बिपिनचंद्र पाल
30-11-1858 जगदीशचंद्र बोज
5-11-1870 देशबंधु चितरंजनदास
11-11-1888 मौलाना आज़ाद
4-11-1889 जमनालाल बजाज
19-11-1917 श्रीमती इंदिरागांधी
23-11-1926 श्री सत्यसाई बाबा
4-11-1939 शकुंतलादेवी
12-11-1896 सलीमअली
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Des...
9-12-1484 महाकवि सूरदास
25-12-1861 मदनमोहन मालविया
27-12-1869 ठक्कर बापा
7-12-1879 चक्रवर्ती राजगोपालचारी
3-12-1884 डॉ. राजेन्द्रप्रसाद
30-12-1887 कनैयालालमुनशी
11-12-1931 राजेन्द्रकुमार जेन ओसो रजनीश
22-12-1887 रामानुजम

 भारत के प्रमुख पदाधिकार.....

 * राष्ट्रपति - श्री प्रणब मुखर्जी
 * उप राष्ट्रपति - श्री हामिद अंसारी
 * प्रधान मंत्री - श्री नरेंदर मोदी
 * लोकसभा अध्यक्ष - श्रीमती सुमित्रा महाजन
 * सर्वोच्च न्यायलय के मुख्य न्यायधीश -  श्री एच एल दत्तू
 * राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष - श्री के. जी.बाल क्रष्णन
 * राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष - श्रीमती कुमारमंगलम्
 * मुख्य चुनाव आयुक्त - श्री एच एस ब्रम्हा
 * अटार्नी जनरल-  श्री मुकुल रोहतगी
 * सोलिसिटर जनरल - श्री रनजीत कुमार
 * राष्ट्रीय विधि आयोग के अध्यक्ष - श्री ए पी शाह
 * राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार- श्री अजीत कुमार डोवल


भारत के सभी राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्री
**********************************************
राज्य ---- मुख्यमंत्री
तेलंगाना ----- के चंद्रशेखर राव
आन्ध्र प्रदेश ---- चन्द्रबाबू नायडू
अरुणाचल प्रदेश ---- नबम तुकी
असम ---- तरुण गोगोई
बिहार ........नितिश कुमार
छत्तीसढ ---- रमन सिंह
दिल्ली ------ अरविंद केजरीवाल
गोआ ----- लक्ष्मीकांत परेस्कर
गुजरात ----- आनंदीबेन पटेल
हरियाणा ----- मनोहर लाल खट्टर
हिमाचल प्रदेश ----- वीरभद्र सिंह
जम्मू और कश्मीर ----- मुफ्ती मुहम्मद
झारखण्ड ---- रघुवर दास
कर्नाटक ----- सिद्धारैया
केरल ------ ओमान चांडी
मध्य प्रदेश ------ शिवराज सिंह चौहान
महाराष्ट्र ----- देवेन्द्र फड़नवीस
मणिपुर ----- ओकराम इबोई सिंह
मेघालय ----- मुकुल संगमा
मिज़ोरम पु ----- ललथानवाला
नागालैण्ड ----- टी आर जेलियांग
ओडिशा ----- नवीन पटनायक
पॉण्डिचेरी ---- एन. रंगास्वामी
पंजाब ---- प्रकाश सिंह बादल
राजस्थान ---- वसुंधरा राजे सिंधिया
सिक्किम ---- पवन कुमार चामलिंग
तमिलनाडु ----ओ. पनीरसेल्वम्
त्रिपुरा ------ माणिक सरकार
उत्तराखण्ड ------ हरीश रावत
उत्तर प्रदेश ------ अखिलेश यादव
पश्चिम बंगाल ------ ममता बनर्जी

:::::: 🔴पंचायती राज🔴:::::::
🔴 संविधान के किस भाग में पंचायती राज व्यवस्था का वर्णन है— भाग-9
🔴पंचायती राज व्यवस्था किस पर आधारित है— सत्ता के विकेंद्रीकरण पर
🔴 पंचायती राज का मुख्य उद्देश्य क्या है— जनता को प्रशासन में भागीदारी योग्य बनाना
🔴किसके अंतर्गत पंचायती राज व्यवस्था का वर्णन है— नीति-निर्देशक सिद्धांत
🔴 संविधान के किस संशोधन द्वारा पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया गया है— 75वें संशोधन
🔴75वें संशोधन में कौन-सी अनुसूची जोड़ी गई हैं— 11वीं
🔴पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचन हेतु कौन उत्तरदायी है— राज्य निर्वाचन आयोग
🔴 भारत में पंचायती राज अधिनियम कब लागू हुआ— 25 अप्रैल, 1993
🔴सर्वप्रथम पंचायती राज व्यवस्था कहाँ लागू की गई— नागौर, राजस्थान में
🔴 राजस्थान में पंचायती राज व्यवस्था कहाँ लागू की गई— 1959 को
🔴देश के सामाजिक व सांस्कृतिक उत्स्थान के लिए कौन-सा कार्यक्रम चलाया गया— सामुदायिक विकास कार्यक्रम
🔴 भारत में सामुदायिक विकास कार्यक्रम कब आरंभ हुआ— 2 अक्टूबर, 1952
🔴 किसकी सिफारिश पर भारत में पंचायती राज व्यवस्था की स्थापना की गई बलवंत राय मेहता समिति
🔴पंचायती राज की सबसे छोटी इकाई क्या है— ग्राम पंचायत
🔴 बलवंत राय समिति के प्रतिवेदन के अनुसार महत्वपूर्ण संस्था कौन-सी है— पंचायत समिति
🔴 पंचायती राज संस्थाओं के संगठन के दो स्तर होने का सुझाव किसने दिया था— अशोक मेहता समिति

         नदियों के किनारों पर बसे विश्व के प्रमुख नगर...

नगर  -   नदी
मास्को - मोस्कवा नदी
कोलम्बो-  केलानी नदी
बगदाद  -टिगरिस नदी
नई दिल्ली-  यमुनानदी
बेलग्रेड - डेन्यूब नदी
आगरा - यमुनानदी
बर्लिन - स्ट्री नदी
हरिद्वार - गंगा नदी
बुडापेस्ट - डेन्यूब नदी 
कानपुर  गंगानदी
काहिरा  नील नदी
नासिक  गोदावरी नदी
करांची   सिन्धु नदी
उज्जैन  क्षिप्रा नदी
लन्दन   टेम्स नदी
श्रीनगर  झेलमनदी
लाहौर  रावी नदी
इलाहाबाद  गंगा-यमुना
न्यूयार्क  हडसन नदी
अहमदाबाद  साबरमती
पेरिस  सीन नदी 
कोलकात्ता   हुगली
रोम  टाईबर नदी
गुवाहाटी - ब्रह्मपुत्र
शंघाई  -यांगटिसिक्यांग
जबलपुर- नर्मदा
टोकियो -  सुमीदा नदी
सूरत - ताप्ती
विएना -  डेन्यूब नदी 
हैदराबाद  - मूसी
वारसा   -विस्तुला नदी
लखनऊ  -गोमती
वाशिंगटन  - पोटोमेक नदी ।

Wednesday, 8 July 2015

'मार्क'म्हणजेच गुणवत्ता नाही..!

अतिशय सुरेख आणि सूज्ञ पालकांसाठी डोळे उघडणारा झणझणीत लेख: 
'मार्क'म्हणजेच गुणवत्ता नाही!
डॉ. अरुण नाईक,
(मानसोपचारतज्ञ) -



नुकतीच एक बातमी वाचली....
नेहमी चांगले मार्क मिळवणाऱ्या
मुलीला दहावीचा पहिला पेपर चांगला नाही गेला. संध्याकाळी
तिने आत्महत्या केली. अजून
परीक्षाही संपली नाही.
पण मुलगी संपली.
मागे एका
मेडिकलच्या विद्यार्थ्यांने
शेवटच्या वर्षांला गोल्ड मेडल ऐवजी सिल्वर मेडल मिळाले,
म्हणून आत्महत्या केली होती.
माणूस मरायला घाबरत नाही, पण किंमतशून्य जगायला
घाबरतो.

एका नामांकित
शाळेच्या स्कॉलर वर्गातील
मुलांशी बोलताना मी त्यांना विचारले की,
"सर्वजण त्यांना
काय म्हणतात?"
मुले म्हणाली,
की 'स्कॉलर'.
मी विचारले 'का?',
मुले म्हणाली,
कारण आम्हाला
चांगले मार्क मिळतात.
मी समीकरण मांडले.
'अ = ब'

'ब = क'
त्याअर्थी 'अ = क'.
म्हणजेच,
'मी = स्कॉलर'

'स्कॉलर = मार्क'.
याचा
अर्थ 'मी = मार्क'.

जेव्हा आपण आपली किंमत मार्कावरून करायला लागतो,
तेव्हा जरा मार्क कमी मिळाले की,
आपली किंमत कमी झाली
असे वाटते.
सर्व परीक्षा बोर्डानी
मार्क वाटायला सुरुवात
केल्यापासून तर हे समीकरण पालक व मुले यांच्या डोक्यात
गच्च बसायला लागले आहे.
हे धोकादायक आहे....

माझी भाची शाळेतही जात
नसताना तिने काढलेल्या एका
चित्राला मी 'वा' म्हटले.
ती
लगेच म्हणाली-मार्क दे.
मी चित्राच्या बाजूला लिहिले 'छान'.
ती म्हणाली मार्क दे. शंभरपैकी.
अडूनच बसली.
शाळेत जायच्या आधीपासूनच हे
डोक्यात शिरत आहे. हे
आजूबाजूच्या वातावरणात आहे.
या विषारी वातावरणाने वरील
बळी घेतले आहेत.
जेव्हा
कधी पालकांना विचारले की,
तुमच्या मुलांबाबत काय व्हावे असे तुम्हाला वाटते? तेव्हा
हमखास उत्तर येते की,
तो चांगला नागरिक बनावा, चांगला माणूस बनावा.
जरा विरोधाभास
पाहूया...
मेडिकलच्या विद्यार्थ्यांशी
बोलताना त्यांनी सांगितले की
त्यांना चांगला डॉक्टर बनायचे आहे.
मी विचारले चांगला
डॉक्टर कोणाला म्हणता? तर
मुले म्हणाली की,
जो जास्तीत जास्त लोकांना चांगल्यात चांगला उपचार
देऊन बरा करतो तो. सिल्वर
मेडल मिळालेल्या त्या
मेडिकलच्या विद्यार्थ्यांलाही चांगला डॉक्टर बनायचे असेल
ना?
पण बनला का?
त्याच्या आधीच गेला.
चांगला नागरिक,
चांगला माणूस, चांगला डॉक्टर व चांगला व्यावसायिक आपण
जेव्हा काहीतरी चांगले करतो
तेव्हा बनतो. नुसत्या मार्कानी नाही बनत.
एका
नववीतील
मुलीला चाचणी परीक्षेत
गणितात वीसापैकी १४ मार्क
मिळाले म्हणून तिने आत्महत्येचा
प्रयत्न केला. माझ्याशी बोलताना तिचे पहिले वाक्य होते की,
'आय एम युझलेस'.
या मुलीला
दहावीनंतर क्रीडा पत्रकार
बनायचे आहे. त्यासाठी ती
कलाशाखेला जाणार आहे.

मी विचारले की आर्ट्सला गणित असते का?
ती म्हणाली 'नाही'.
मी म्हटले की याचा अर्थ तू
दहावी नंतर गणिताला टाटा
करणार,मग तू गणितासाठी
जीव का देत होतीस?
हे ऐकल्यावर तिलाही हसू आले.
काय आहे की 'गुणी मुलगी',
'भावंडात हुशार मुलगी',
'सर्वाची आवडती',
'९०% मिळायला हवेत हं'. या इतरांच्या
मनातील प्रतिमेला जपण्याचे तिला दडपण आले होते.

ही प्रतिमा आपण जपू शकलो नाही तर आपण युझलेस....!
मुलांमध्ये खूप क्षमता असते,
परंतु मार्कावर लक्ष केंद्रित
केल्यामुळे त्या क्षमतांना
'किंमत' दिली जात नाही.

आज जग जवळ आले आहे. अनेक शक्यता निर्माण झाल्या आहेत.
पालकांनी लक्षात घ्या की, हे लक्षात न आल्यामुळे जेव्हा
मुलांना कमी मार्क मिळतात
तेव्हा आपण नकळत हिंसक होतो.
मुलांच्या आत्मविश्वासावर
घाला घालतो. मार्कावरून
मुलांची किंमत किंवा लायकी ठरवू नका.
आपण जन्माला
आलो ही एकच गोष्ट आपण
जगायला लायक आहोत
यासाठी पुरेशी आहे.
आता
जगताना काय करायचे याचा विचार करूया.
'थ्री इडियट'
सिनेमातील मुलाखतीच्या
प्रसंगात आजवर मार्कावरून
आपली किंमत ठरवणारा,
घाबरणारा मुलगा म्हणतो
'जिंदगी में कुछ तो ठीकठाक कर ही लूंगा '..

.......................................................................हा आत्मविश्वास मुलांना द्या...!

Wednesday, 1 July 2015

¶मोबाइल से जुडी कई ऐसी बातें...

¶मोबाइल से जुडी कई ऐसी बातें जिनके बारे में हमें
जानकारी नहीं होती लेकिन मुसीबत के वक्त यह मददगार साबित
होती है ।

  • इमरजेंसी नंबर ---
दुनिया भर में मोबाइल का इमरजेंसी नंबर 112 है । अगर आप
मोबाइल की कवरेज एरिया से बाहर हैं
तो 112 नंबर द्वारा आप उस क्षेत्र के नेटवर्क को सर्च कर लें।
ख़ास बात यह है कि यह नंबर तब भी काम करता है जब
आपका की पैड लौक हो।

  • जान अभी बाकी है---
मोबाइल जब बैटरी लो दिखाए और उस दौरान जरूरी कॉल
करनी हो, ऐसे में आप *3370# डायल करें । आपका मोबाइल
फिर से चालू हो जायेगा और आपका सेलफोन बैटरी में 50
प्रतिशत का इजाफा दिखायेगा। मोबाइल का यह रिजर्व
दोबारा चार्ज हो जायेगा जब आप अगली बार मोबाइल
को हमेशा की तरह चार्ज करेंगे।

  • मोबाइल चोरी होने पर---
मोबाइल फोन चोरी होने की स्थिति में सबसे पहले जरूरत होती है,
फोन को निष्क्रिय करने की ताकि चोर उसका दुरुपयोग न कर सके
। अपने फोन के सीरियल नंबर को चेक करने के लिए *#06#
दबाएँ । इसे दबाते ही आपकी स्क्रीन पर 15 डिजिट का कोड
नंबर आयेगा। इसे नोट कर लें और किसी सुरक्षित स्थान पर
रखें। जब आपका फोन खो जाए उस दौरान अपने सर्विस
प्रोवाइडर को ये कोड देंगे तो वह आपके हैण्ड सेट को ब्लोक कर
देगा।

  • कार की चाभी खोने पर ---
अगर आपकी कार की रिमोट की लेस इंट्री है। और गलती से
आपकी चाभी कार में बंद रह गयी है। और दूसरी चाभी घर पर है।
तो आपका मोबाइल काम आ सकता है। घर में किसी व्यक्ति के
मोबाइल फोन पर कॉल करें। घर में बैठे व्यक्ति से कहें कि वह
अपने मोबाइल को होल्ड रखकर कार की चाभी के पास ले जाएँ
और चाभी के अनलॉक बटन को दबाये। साथ ही आप अपने
मोबाइल फोन को कार के दरवाजे के पास रखें....। दरवाजा खुल
जायेगा।
है न विचित्र किन्तु सत्य......!!!
............................................................................................अधिक से अधिक शेयर करें।

  • एंड्राइड मोबाइल यूजर के काम के कोड:-
1. Phone Information, Usage and Battery –
*#*#4636#*#*
2. IMEI Number – *#06#
3. Enter Service Menu On Newer Phones –
*#0*#
4. Detailed Camera Information –
*#*#34971539#*#*
5. Backup All Media Files –*#*#273282*255
*663282*#*#*
6. Wireless LAN Test –*#*#232339#*#*
7. Enable Test Mode for Service –
*#*#197328640#*#*
8. Back-light Test – *#*#0842#*#*
9. Test the Touchscreen –*#*#2664#*#*
10. Vibration Test –*#*#0842#*#*
11. FTA Software Version –*#*#1111#*#*
12. Complete Software and Hardware Info –
*#12580*369#
13. Diagnostic Configuration –*#9090#
14. USB Logging Control –*#872564#
15. System Dump Mode –*#9900#
16. HSDPA/HSUPA Control Menu –*#301279#
17. View Phone Lock Status –*#7465625#
18. Reset the Data Partition to Factory State –
*#*#7780#*#*
...................................................बड़े काम के कोड है इसलिए शेयर करे और दुसरो को भी बताये !

Friday, 26 June 2015

चला सुखी होऊया

  • रोज दहा ते तीस मिनिटे मोकळ्या हवेत चाला आणि हो! अगदी सुहास्यवदनाने.
  •  रोज किमान दहा मिनिटे स्तब्ध…शांत राहा. एका जागी! शांत!
  •  रोज ७ तास शांत झोप काढा. शांत झोप…सुखाचा मूलमंत्र!
  •  जगताना तीन गोष्टी नेहमी लक्षात ठेवा, स्फूर्ती, उत्साह आणि दिलदारी.
  •  रोज थोडे तरी खेळा. मनोविनोदन होईल.
  •  गेल्या वर्षापेक्षा मी थोडीतरी अधिक पुस्तके वाचीन असा निश्चय करा.
  •  खूप मुबलक पाणी प्या. पाणी म्हणजे जीवन!
  •  फळे, फळभाज्या, पालेभाज्या असे शेतातले, बागेतले, डोंगरावरले पदार्थ रोज पोटात जाऊ देत. थोडे समुद्रातलेही! तन सुखी तो मन सुखी!
  •  जरूर लक्षात घ्या की सकाळचा नाश्ता राजासारखा, जेवण राजकुमारासारखे नि रात्रीचे जेवण मात्र भिकाऱ्यासारखे असावे! म्हणजे काय राव? नाश्ता दमदमीत. दुपारची जेवण राजस; पण रात्रीचे जेवण मात्र अगदी अगदी थोडे, पुरते तेवढेच. कारण झोपेत कुठलीच शारीरिक हालचाल नसते.
  •  रोज ध्यानधरणा करा. प्रार्थना करा. आपल्या धावपळीच्या, दगदगीच्या जीवनांत तेच एक इंधन आहे जे सुख-शांती-समाधान देईल.
  •  जागेपणी स्वप्न बघा. त्याचा ध्यास घ्या. त्यांच्या पूर्तीसाठी प्रयत्न करा.
  •  खूप आनंदी राहा. हसून खेळून, मिळून मिसळून! आप चंगा… तो जग चंगा.
  •  एक नियमच करून टाका. रोज मी किमान तीन लोकांच्या ओठांवर स्मितहास्य फुलवेन.
  •  आपले चैतन्य, आपली बहुमोल ऊर्जा लोकांबद्दल वायफळ बोलण्यात, त्यांची कुचेष्टा करण्यात वाया घालवू नका.
  •  ज्या गोष्टी आपल्या अखत्यारित नाहीत, ज्या परिस्थितीस तुम्ही बदलू शकत नाही त्याबद्दल दुःख करीत बसू नका. त्यापेक्षा माझे वर्तमान कसे सुधारता येईल, ते पहा.
  •  ७० वर्षांवरील वृद्ध माणसे आणि ६ वर्षांखालील छोटी मुले यांच्यासमवेत दिवसातील थोडातरी वेळ नियमित घालवा. वृद्धांना जगण्याची उमेद द्याल नि छोट्यांकडून ऊर्जा घ्याल!
  •  हे जीवन फार छोटे आहे. दुसऱ्याचा हेवा, मत्सर, द्वेष करण्याइतके खचितच मोठे नाही.
  •  स्वतःचा फार गंभीरपणे विचार करू नका. इतरांना तुमची काही पडलेली नाही. ते तुमचा इतका विचार अजिबात करीत नाहीत.
  •  भूतकाळातील अप्रिय घटना विसरून जा. आपल्या जोडीदाराला त्याच्या भूतकाळातील चुकांसाठी टोकणे, चटकन लागेलसे बोलणे, टोचत राहणे सोडून द्या. त्यामुळे आपला जोडीदार पुन्हा पुन्हा दुखावला जाईल आणि आपले वर्तमान बिघडेल. त्याचे काय हो! सो? लॉक द पास्ट, एन्जॉय द प्रेझेंट!
  •  रोज विद्यार्थी शाळेत जातात. जीवन ही आपली शाळा समजा. एनी प्रॉब्लेम? अहो तो बीजगणिताचा तास समजा. एखादा प्रॉब्लेम नाही सुटला तरी तास संपतो! संपते ना? पण त्यातून आपण काहीतरी धडा शिकतोच! तसेच जीवन आहे. काही समस्या सुटत नाहीत; पण त्यातून मिळालेल्या धड्याने आपण शहाणे होतो हेही नसे थोडके!
  • प्रत्येक वेळी तुम्हीच कसे जिंकणार? इतरांनाही थोडी संधी द्या .
  •  दुसऱ्याच्या आयुष्याशी आपली तुलना नको. त्याचे वरवरचे सुखविलास पाहून मत्सरग्रस्त होऊ नका. तो आतून काय 'भोगतोय', काय 'सोसतोय' ते तुम्हास कोठे ठाऊक आहे?
  •  क्षमाशस्त्र ज्याचे हाती त्यास काय तोटा? आनंदाच्या वाटा शोधा आनंदाच्या वाटा!…क्षमाशील झालात की सुखाची रांगोळी आपल्याच दारात!…
  •  दुःखाचे, तणावाचे दिवस आहेत? संपतील राजा! परिस्थिती कायम बदलत राहाते. लाल सिग्नल नंतर हिरवा येतोच की!
  •  तुमच्या आयुष्यातला सर्वोत्तम काळ अजून यायचा आहे! हे धरा मनी. पहा… कसे आशादायी नि प्रसन्न वाटेल.
  •  तुमचे कुटुंब तुमचा सर्वात मोठा आधारस्तंभ आहे. त्यांना प्राधान्य द्या.
  •  काय वाटेल तो पसंग येवो! धैर्य सोडू नका. उठा, उत्तम वेश परिधान करा व धैर्यांने जगास सामोरे जा.
  •  तुमचा आत्मा सुखी आहे! मग तुम्ही दुःखी? का? कशासाठी? सुखी राहा.
  •  हे सारं आवडलं ना? मग आपल्या आवडत्या मित्रांना कळवा जरूर! मला हा सुखाचा संदेश माझ्या आवडत्या मित्रानेच पाठवलाय जो मी आवडत्या वाचकांपर्यंत पोहोचविलेला आहे..
  • बी हॅप्पी...!

Saturday, 20 June 2015

आव्हान शिक्षकांना !

खाद्य पदार्थांची रेसिपी

महत्वाचे शोध आणि संशोधक

विमान - राईट बंधू
डिझेल इंजिन - रुडाल्फ डिझेल
रडार - टेलर व यंग
रेडिओ - जी. मार्कोनी
वाफेचे इंजिन - जेम्स वॅट
थर्मामीटर - गॅलिलीयो
हेलीकॉप्टर - सिकोर्स्की
विजेचा दिवा - एडिसन
रेफ्रीजरेटर - पार्किन्स
वनस्पातींनाही संवेदना असतात - जगदीशचंद्र बोस
सापेक्षतेचा सिद्धांत – आइनस्टाइन
सायकल - मॅकमिलन
डायनामाइट - आल्फ्रेड नोबेल
रेडियम - मेरी क्युरी व पेरी क्युरी
टेलिफोन - आलेक्सांडर ग्रॅहाम बेल
ग्रामोफोन - एडिसन
टेलिव्हिजन - जॉन बेअर्ड
पेनिसिलिन - आलेक्सांडर फ्लेमिंग
उत्क्रांतिवाद - डार्विन
भूमिती - युक्लीड
देवीची लस - जेन्नर
अंधांसाठी लिपी - ब्रेल लुईस
अँटी रेबीज -लुई पाश्चर
इलेक्ट्रोन – थॉमसन
हायड्रोजन - हेन्री कॅवेनडिश
न्यूट्रोन – चॅडविक
आगकाड्याची पेटी - जॉन वॉकर
विद्युतजनक यंत्र - मायकेल फॅरेडे
कॉम्पुटर - वॅने बूश व शॉल
गुरुत्वाकर्षण सिध्दांत – न्यूटन
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adsir.malawadi ...!

Monday, 15 June 2015

जगातील सर्वात श्रीमंत व्यक्ती वॉरन बफे

१. त्यांनी वयाच्या अवघ्या अकराव्या (११) वर्षी शेअर बाजारात गुंतवणुक करण्यास सुरुवात केली. आणि तरी देखिल आपण खुप उशीरा सुरुवात केली याची त्यांना खंत आहे.
२. वृत्तपत्रे विकुन मिळवलेल्या कमाईतून त्यांनी एक छोटीशी शेत जमीन विकत घेतली. वयाच्या अवघ्या चौदाव्या वर्षी.
३. ते आजही मिड टाउन येथील त्यांच्या जुन्या ३ बेडरूमच्या घरात राहतात, जे त्यांनी ५० वर्षांपुर्वी त्यांच्या लग्नाच्या आधी घेतले होते. वॉरन बफे यांच्या मते त्यांना मोठ्या घराची गरज नाही. आजही त्यांचा घराला कुंपणाची भिंत नाही.
४. वॉरन बफे त्यांची कार स्वतःच चालवतात. त्यांना ड्रायव्हर अथवा सुरक्षारक्षकांची गरज नाही.
५. वॉरन बफे जगातील सर्वात मोठ्या विमान कंपनीचे मालक आहेत.
६. त्यांची कंपनी बर्कशायर हाथवेच्या (Berkshire Hathaway) मालकीच्या ६३ कंपन्या आहेत. या सर्व कंपन्यांच्या CEO's (कार्यकारी अधिकारी) ना ते फक्त वर्षाला एक पत्र लिहितात. सर्व
CEO's ना त्यांनी दोन नियम सांगीतले आहेत. पहिला नियम, कधीही आपल्यागुंतवणुकदारांचे पैसे बुडणार नाहीत याची काळजी घ्या. दुसरा नियम, कधीही पहिला नियम विसरु का.

७ घरी आल्यावर स्वतःसाठी काही पॉपकॉर्न बनवुन चित्रपट बघणे हा त्यांचा आवडता छंद आहे.
८. बिल गेट्स या जगातील दुसर्या श्रीमंत माणसाची त्यांच्याशी पाच वर्षांपुर्वी भेट झाली. बिल गेट्सला तेव्हा वाटलेकी वॉरन बफें बरोबर बोलण्यासारखे काहीच नाही त्यामुळे त्यांनी मीटींगसाठी केवळ अर्ध्या तासाचा वेळ दिला. मात्र प्रत्यक्षात ही भेट दहा तास चालली. आणि त्या भेटी नंतर बिल गेट्स हे वॉरन बफे यांचे भक्तच झाले.
९. वॉरन बफे आजही मोबाइल फोन वापरत नाहीत. तरुणांसाठी वॉरन यांचा सल्ला
-- "क्रेडीट कार्ड पासुन दुर रहा. खरी गुंतवणुक स्वतःमध्ये करा."
-- पैशाने माणसाला घडवले नसुन माणसाने पैसा बनवला आहे.
-- ऐकावे जनाचे करावे मनाचे.
-- ब्रॅन्ड पाहुन खरेदी करु नका. आपल्याला जे आवडते तेच खरेदी करा.
-- अनावश्यक गोष्टींवर पैसे खर्च करु नका. तेवढेच विकत घ्या ज्याची गरज आहे.
-- दरवर्षी मी काही धोरण अवलंबतो, जी पुढे वर्षभर सर्व उलाढालीत माझ्यासाठी दिपस्तंभाचे काम करतात आणि स्वत:च शिकून घेतलेल्या या धड्यांमुळे दरवर्षी माझे फ़क्त वयच वाढत नाही तर शहाणपणाही तेवढाच वाढतो।

१०. पुरणकाळापासून चालत आलेल्या (पण विस्म्रुतीत गेलेल्या) अशाच) काही शहाण पणाच्या गोष्टी -
* अपार कष्ट करा : मेहनत कधिच वाया जात नाही, पण काम न करता केलेली बाप्ष्फळ बडबड माणसाला लयास नेल्या खेरिज राहत नाही.
* आळस झटकुन टाका : वाळुवर झोपुन राहणारा खेकडा कोणत्याही लाटेबरोबर समुद्रात वाहुन जातो.
* ऊत्पन्न(मिळकत) : कधिही केवळ एका उत्पन्नाच्या साधनावर अवलंबून राहु नका. एका मर्गाने येणार्या १०० रुपयांपेक्षा १०० मर्गांनी येणारा १-१ रुपया नेहमीच चांगला. ( Royalty income)
* खर्च - आवश्यकते पेक्षा जास्त खरेदी केली तर लवकरच आवश्यक असणारया गोष्टी विकाण्याची वेळ येईल.
* बचत - खर्च करुन उरलेल्या उत्पन्नाची बचत करण्यापेक्षा, आधी बचत करुन नंतर उरलेले पैसे खर्च करा.
* कर्ज - कर्ज घेणारा हा कर्ज देणरयाचा गुलाम हॊउन जातो.
* जमाखर्च - जमाखर्च मांडणे आणि त्याचा अभ्यास करणे अतिशय मह्त्वाचे आहे. जरबूटच फ़ाटला असेल तर पावसाळ्यात छ्त्रीचा काय उपयोग ?
* हिशोब तपासणे - लहान लहान खर्चांचा ताळेबंद ठेवा, एक छोट्याशा भोकामुळे पुर्णजहाज बुडू शकते.
* आर्थिक धोका - बरयाच इन्वेस्ट्मेन्ट्स भरपुर फ़ायदा देणरया आणी आकर्षक असतातमात्र त्यात तेवढाच धोका लपलेला असतो. त्यामुळे अशा इन्वेस्ट्मेन्ट्स जरा काळजीपुर्वक विचार करुन करा. जर नदीची खोली पहायची असेल तर दोन्ही पाय पाण्यातटाकुन कसे चालेल?
* गुंतवणुक - सर्व अंडी एकाच पारड्यात टाकुन कसे चालेल बरे?
* या सर्व सुचनांचे आधीपासून पालन करत आहेत, त्या सर्वांची आर्थिक परिस्थिती उत्तम असेल. आणी जे यासर्व सुचनांचे पालन करायचे ठरवतिल तेही लवकरच आर्थिक सुखाचा आनंद घेतिल. माणुस आर्थिक गरजेपोटी आयुष्यभर धडपडत असतो, त्याचं मुख्य कारण म्हणजे माणसाने शाळा व कॉलेजमध्ये बरीच वर्षे शिक्षण जरी घेतले असले तरी पैश्याबद्दल त्याला काहीच शिकवलं गेलेलं नसतं. परिणामस्वरुपी माणुस पैश्यासाठी काम करायला शिकतो परंतु स्वत:साठी पैश्याकडून काम करवून घ्यायला मात्र कधीच शिकत नाही.
*योग्य नियोजनाच्या मदतीने सर्वसाधारण माणुस करोडपती बनु शकतो व योग्य आर्थिक नियोजनाच्या अभावी करोडपती माणुस कंगाळ होऊ शकतो! एकविसाव्या शतकात आपल्याला आज खरी गरज आहे ती आर्थि@साक्षरतेची.                                             One of the best msgs I've ever read...

Tuesday, 9 June 2015

दैनिक टाचणावर लिहीण्यासाठी 300 अनमोल सुविचार...!

२०१) गरिबी असूनही दान करतो तो ख्ररा दानशूर.
२०२) स्वार्थरहीत आणि खरीखुरी सेवा हीच खरी प्रार्थना.
२०३) प्रार्थना म्हणजे ईश्वराच्या जवळ जाण्याची शक्ती.
२०४) आपले सौख्य हे आपल्या विचारांवर अवलंबून असते.
२०५) जे घाईघाईने वर चढू पाहतात ते कोसळतात.
२०६) सदगुणांना कधीच वार्धक्य येत नाही.
२०७) उषःकाल कितीही चांगला असला तरी सूर्याला तिथे फार काळ थांबता येत नसतं.
२०८) लज्जा हा सौंदर्याचा अलंकार आहे.
२०९) मोहाचा पहिला क्षण, ही पापाची पहिली पायरी असते.
२१०) जीवन नेहमीच अपूर्ण असते आणि ते अपूर्व असण्यातच त्याची गोडी साठवलेली असते.
२११) सत्याला शपथांच्या टेकूची गरज नसते.
२१२) जगात सारी सोंगे करता येतात, पण पैशाच सोंग करता येत नाही.
२१३) संकटं टाळणं माणसाच्या हाती नसतं पण संकटाचा सामना करणं त्याच्या हातात असतं.
२१४) जूनी खपली काढून बुजलेल्या जखमा ताज्या करण्यात शहाणपणा नसतो.
२१५) सौंदर्य, सुस्वभाव यांची बेरीज करा, मैत्रीतून मत्सर वजा करा, प्रेमाला शुध्द अंतःकरणाने गुणा, परमनिंदेचा लघुत्तम काढा, सुविचारांचा वर्ग करा, दया, क्षमा, शांती, परमार्थ यांचे समीकरण सोडवा... हेच आपल्या सुखी आयुष्याचे गणित आहे.
२१६) क्रांती तलवारीने घडत नाही; तत्वाने घडते.
२१७) जो गुरू असेल, तो शिष्य असेलच. जो शिष्य नसेल, तो गुरू नसेल.
२१८) जीवन हा एक पाण्याचा प्रवाह आहे, समुद्र गाठायचा असेल, तर खाचखळगे पार करावेच लागतील.
२१९) जीवन ही एक जबाबदारी आहे. क्षणाक्षणाला दुसऱ्याला सांभाळत न्यावं लागतं.
२२०) वैभव त्यागात असते, संचयात नाही.
२२१) तुम्हाला सज्जन व्हावेसे वाटत असेल तर आधी तुम्ही वाईट आहात यावर विश्वास ठेवा.
२२२) खोटी टीका करू नका, नाहीतर प्रतिटीका ऎकावी लागेल.
२२३) मनाविरूध्द गोष्ट, म्हणजे ह्रदयस्थ परमेश्वराविरूध्द.
२२४) पुस्तकांसारखा दुसरा मित्र नाही. आपले अंतरंग खुले करते. कधी चुकवत नाही की फसवत नाही.
२२५) ह्रदयात अपार प्रेम असंल की सर्वत्र मित्र
२२६) टीका करणाऱ्या शत्रुंपेक्षा दिखाऊ स्तुती करणाऱ्या मित्रांपासून सावध रहा.
२२७) प्रसंगी थोडे नुकसान झाले तरी चालेल, पण शत्रू निर्माण करू नका.
२२८) मनाला आंनद देण्याचा कोणत्याही पदार्थाचा गुण म्हणजेच सौंदर्य.
२२९) भव्य विचार हा सुगंधासारखा असतो; तो पसरावावा लागत नाही; आपोआप पसरतो.
२३०) वाईट गोष्टींशी असहकार दाखवणे हे मानवाचे आद्य कर्तव्य आहे.
२३१) त्याज्य वस्तू फूकट मिळाली तरी स्वीकारू नये.
२३२) शत्रूशीही प्रेमाने वागून त्याला जिंकता येते; पण त्यासाठी संयम असावा लागतो.
२३३) कृतघ्नतेसारखे दुसरे पाप नाही.
२३४) बनू शकलात तर कृतज्ञ बना, कृतघ्न नको.
१३५) दुसऱ्याचे अनूभव जाणून घेणे हाही एक अनुभवच आसतो.
२३६) ओरडण्याने ओरडणे बंद होत नाही; स्वस्थ राहण्याने मात्र होते.
२३७) दुःख गरूडाच्या पावलाने येतं आणि मुगींच्या पावलांनी जातं.
२३८) जीवन जगण्याची कला हीच सर्व कलांमध्ये श्रेष्ठ कला आहे.
२३९) एकमेका साहय्य करू । अवघे धरू सुपंथ ॥
२४०) सुख हे दुःखाचे मोल देऊनच मिळते.
२४१) श्रीमंताचे बंगले चांगले असतात पण म्हणून कोणी आपल्या झोपड्या पाडत नाही.
२४२) राष्ट्र निर्माण करायचे असेल तर आधी राष्ट्रनिष्ठा निर्माण करायला हवी.
२४३) संयम राखणे हा आयुष्यातला फार मोठा गुण आहे.
२४४) असंभवनीय गोष्टी कधीच खऱ्या मानू नयेत.
२४५) उषःकालाकडे जाण्याचा एकमेव मार्ग आहे, तो म्हणजे रात्र.
२४६) ज्या गोष्टी कधीच बदलू शकत नाहीत त्यांच्याविषयी कधीही दुःखी होऊ नये.
२४७) जे दुसऱ्याचे स्वातंत्र्य हिरावून घेतात, त्यांना स्वातंत्र्यात राहण्याचा हक्क नही.
२४८) पुस्तकाइतका प्रांजळ आणि निष्कपटी मित्र दुसरा मिळणार नाही.
२४९) मनाला आंनद, संस्कार देणारी प्रत्येक वस्तू व कृती कलापूर्ण आहे.
२५०) दोष लपवला की तो मोठा होतो आणि कबूल केला की नाहीसा होतो.
२५१) आकाशाखाली झोपणाऱ्याला कोण लुटणार ?
२५२) जखम करणारा विसरतो पण जखम ज्याला झाली तो विसरत नाही.
२५३) पिंजऱ्यात कोंडून पाखरं कधीच आपली होत नाहीत.
२५४) आपण परिस्थितीला शरण जाता कामा नये; परिस्थिती आपल्याला शरण गेली पाहिजे.
२५५) अंहकार हा तपःसाधनेचा महान शत्रू आहे.
२५६) मोती होण्यासाठी जलबिंदूला आकाशातून आपला अधःपात करून घ्यावा लागतो.
२५७) नैतिक पाया ढासळला की धार्मीकता संपलीच म्हणून समजा.
२५८) अंतर्बाह्य प्रांजळपणा हाच प्रीतीचा प्राण होय.
२५९) सामर्थ्याच्या पाठीमागे शील हवे.
२६०) शहाणपणाचे प्रदर्शन करणारा पोपट कायमचा बंदिवान होतो.
२६१) गवताची दोरी वळली म्हणजे तिने मत्त हत्तीसुध्दा बांधला जातो.
२६२) दुर्जन मंडळीत बसण्यापेक्षा एकटे बसणे बरे आणि एकटे बसण्यापेक्षा सज्जन मंडळीत बसणे हे त्याहून बरे.
२६३) पाप इतका सुंदर पोशाख घालून येते की ते पाप आहे असे माहीत असूनही आपण त्याला कवटाळतो.
२६४) पुढे मिळणाऱ्या आनंदाच्या कल्पनेने जे सुख मिळते; त्या सुखाचे नाव उत्साह !
२६५) स्वातंत्र्याचे मंदिर बलिदान करणाऱ्यांच्या रक्ताशिवाय उभे राहत नाही.
२६६) अन्याय आणि अत्याचार ह्याला सक्त विरोध हाच सत्याचा स्वभाव.
२६७) चारित्र्याचा विकास सुसंगतीत होतो तर बुध्दीचा विकास एकांतात होतो.
२६८) स्वधर्माविषयी प्रेम, परधर्माविषयी आदर आणि अधर्माविषयी उपेक्षा याचाच अर्थ धर्म.
२६९) अन्याय करणे हे पाप आणि होणारा अन्याय उघड्या डोळ्यांनी पाहणे हे महापाप !
२७०) क्रोध माणसाला पशू बनवतो.
२७१) आपल्या दोषांवरचे उपाय नेहमी आपल्याकडेच असतात; फक्त ते शोधण्याची तसदी घ्यावी लागते.
२७२) आयुष्यात पैसा हवा पण पैशात आयुष्य नको.
२७३) जे नंतर चांगले वाटते, तेच कृत्य नैतिक व जे नंतर दुःखकारक ठरते, ते अनैतिक !
२७४) कडू घोट प्रेमळ माणसाच्या हातून दिल्यास तो कमी कडू लागतो.
२७५) परमेश्वर ख्रऱ्या भावनेलाच साहाय्य करतो.
२७६) भरणाऱ्या जखमा भरू द्याव्यात; त्याची खपली काढू नये.
२७७) माणसाने माणसाशी माणसासारखं वागणं हाच खरा धर्म.
२७८) बोलावे की बोलू नये, असा संभ्रम निर्माण झाला असता मौनाने बोलण्याची जागा घ्यावी.
२७९) शत्रूने केलेले कौतुक हीच आपली सर्वोत्तम कीर्ती होय.
२८०) तिरस्कार पापाचा करा; पापी माणसाचा नको.
२८१) आयुष्य जगण्यासाठी नुसते विचार असुन चालत नाही; सुविचार असावे लागतात.
२८२) जरूरीपेक्षा अधिक गरजांचा हव्यास ठेवू नका.
२८३) आपलं जे असतं ते आपलं असतं आणि आपलं जे नसतं ते आपलं नसतं.
२८४) जो धोका पत्करण्यास कचरतो, तो लढाई काय जिंकणार !
२८५) लीनता आणि विनयशिलता या धार्मिकतेच्या दोन शाखा आहेत.
२८६) ह्रदये परस्परांना द्यावीत, ती परस्परांच्या अधीन करू नयेत.
२८७) कर्तव्य पार न पाडता हक्कांच्या मागे धावलात तर ते दुर पळतात.
२८८) हाव सोडली की मोह संपतो आणि मोह संपाला की दुःख संपते.
२८९) आपण कसे दिसतो यापेक्षा कसे असतो याला अधिक महत्त्व आहे.
२९०) गरूडाइतके उडता येत नाही म्हणून चिमणी कधी उडण्याचे सोडत नाही.
२९१) आदर्श गृहिणी ही शेकडो गुरूंहून श्रेष्ठ आहे.
२९२) जो त्याग मनापासून केलेला नसतो, तो टिकत नसतो.
२९३) अहंकार विरहीत लहान सेवाही मोठीच असते.
२९४) तुम्हाला जर मित्र हवे असतील तर आधी तुम्ही दुसऱ्याचे मित्र बना .
२९५) न मागता देतो तोच खरा दानी.
२९६) चांगले काम करायचे मनात आले की ते लगेच करून टाका.
२९७) केवड्याला फळ येत नाही पण त्याच्या सुगंधाने तो अवघ्या जगाला मोहवून टाकतो.
२९८) समुद्रात कितीही मोठे वादळ आले तरी समुद्र आपली शांतता कधीही सोडत नाही
२९९) भितीयुक्त श्रीमंत जीवन जगण्यापेक्षा शांततामय, मानाचे गरीब जीवन चांगले.
३००) दुसऱ्याला सुख मिळत असेल तर आपण थोडे दुःख सहन करायला काय हरकत आहे.

Sunday, 7 June 2015

दैनिक टाचणावर लिहीण्यासाठी 300 अनमोल सुविचार...!

१०१) सन्मित्र शिंपल्यातल्या मोत्यासारखे असतात.
१०२) सौंदर्य हे वस्तूत नसते; पाहणाऱ्याच्या दृष्टीत असते.
१०३) शरीरमाध्यम खलु सर्वसाधनम ॥
१०४) सर्वच प्रश्न सोडवून सूटत नाहीत; काही सोडून दिले की आपोआप सुटतात.
१०५) विद्या विनयेन शोभते ॥
१०६) शीलाशिवाय विद्या फ़ुकाची आहे.
१०७) जगाशी प्रामाणिक राहण्यापेक्षा आधी स्वतःशी प्रामाणिक रहा.
१०८) एकदा तुटलेलं पान झाडाला परत कधीच जोडता येत नाही.
१०९) कामात आनंद निर्माण केला की त्याचं ओझं वाटत नाही.
११०) आयुष्यात खरं प्रेम, खरी माया फ़ार दूर्मिळ असते.
१११) ज्या चांगल्या बाबी आपण निर्माण केल्या नाहीत त्या नष्ट करण्याचा आधिकार आपल्याला नाही.
११२) कुणीही चोरू शकत नाही अशी संपत्ती कमावण्याचा प्रयत्न करा.
११३) देणाऱ्याने देत जावे, घेणाऱ्याने घेत जावे घेता घेता एक दिवस, देणाऱ्याचे हात घ्यावे !
११४) आयुष्यात सगळ्याच गोष्टी आपल्याला जमतील असं नाही.
११५) मूर्खांना विवेक सागंणे हाही मूर्खपणाच !
११६) ज्या गोष्टींशी आपला काहीही संबंध नाही त्यात नाक खुपसले की तोटाच होतो.
११७) जे झालं त्याचा विचार करू नका; जे होणार आहे त्याचा विचार करा.
११८) आपल्याला जे आवडतात त्यांच्यावर प्रेम करण्यापेक्षा ज्यानां आपण आवडतो त्यांच्यावर प्रेम करा.
११९) रामप्रहरी जागा होतो त्यालाच प्रहरातला राम भेटतो.
१२०) जे आपले आहेत त्यांच्यावर कुणीही प्रेम करतं; पण जे आपले नाहीत त्यांच्यावर प्रेम करणं हेच खरं प्रेम !
१२१) लक्षात ठेवा-आयुष्यात कुठलीच गोष्ट कायमची आपली नसते.
१२२) कधी कधी आपण ज्यांच्यावर खूप प्रेम करतो तीच माणसं आपल्यापासून फार दूर जातात.
१२३) जे आपले नाही त्याच्यावर कधीच हक्क सांगू नका.
१२४) पुढचा आपल्याशी चांगला वागेल या अपेक्षेने त्याच्याशी चांगलं वागू नका.
१२५) आयुष्यात भेटणारी सगळीच माणसे सारखी नसतात.
१२६) गुणांचं कौतुक उशीरा होतं; पण होतं !
१२७) कुठल्याही कामाला अंतःकरणाचा उमाळा लागतो.
१२८) स्वतःचा अवगुण शोधणं हीच गुणांची पूर्तता !
१२९) ज्यादिवशी आपली थोडीही प्रगती झाली नाही तो दिवस फुकट गेला अस समजा.
१३०) जो स्वतःवर प्रेम करू शकत नाही तो जगावर काय प्रेम करणार !
१३१) सृजनातला आनंद कल्पनेच्या पलीकडचा असतो.
१३२) श्रध्दा असली की सृष्टीतल्या प्रत्येक गोष्टीत देव दिसतो.
१३३) आनंदी मन, सुदृढ शरीर आणि अध्यात्मिक श्रध्दा ह्या तिनही गोष्टी लाभणं म्हणजे अमृत मिळणं.
१३४) एकांतात मिळणाऱ्या क्षणांचं आपण काय करतो यावर आयुष्याकडे पाहाण्याचा आपला दृष्टीकोन व्यक़्त होतो.
१३५) प्रेमाला आणि द्वेषालाही प्रेमानेच जिंका.
१३६) आपण चुकतो तिथे सावरतो तोच खरा मित्र !
१३७) आपला जन्म होतो तेव्हा आपण रडत असतो आणि लोक हसत असतात. मरताना आपण असं मरावं की आपण हसत असू आणि लोक रडत असतील !
१३८) स्वतःची चूक स्वतःला कळली की बरेच अनर्थ टळतात.
१३९) अश्रुंनीच ह्र्दये कळतात आणि जुळतात.
१४०) हक्क आणि कर्तव्य या एकाच नाण्याच्या दोन बाजू आहेत.
१४१) आयुष्यात असं काहीतरी मिळवा जे तुमच्या पासून कुणीही चोरून घेऊ शकत नाही.
१४२) बदलण्याची संधी नेहमी असते पण बदलण्यासाठी तूम्ही वेळ काढला का ?
१४३) कलेशिवाय जीवन म्हणजे सुगंधाशिवाय फूल आणि प्राणाशिवाय शरीर !
१४४) टाकीचे घाव सोसल्याशिवाय देवपण मिळत नाही.
१४५) नेहमी तत्पर रहा; बेसावध आयुष्य जगू नका.
१४६) यश न मिळणे याचा अर्थ अपयशी होणे असा नाही.
१४७) आयुष्यात खूपदा बुध्दी जिंकते; ह्रदय हरतं पण बुध्दी जिंकूनही हरलेली असते आणि ह्रदय हरूनदेखील जिंकलेलं असतं.
१४८) खरं आणि खोटं यात केवळ चार बोटांचं अंतर आहे. आपण कानांनी ऎकतो ते खोटं आणि डोळ्यांनी पाहतो ते खरं.
१४९) जगी सर्व सुखी असा कोन आहे; विचारी मना तुच शोधूनी पाहे.
१५०) प्रत्येक बाबतीत दुसऱ्याच अनुकरण करु नका; स्वतःची वेगळी ओळख निर्माण करा.
१५१) स्वातंत्र्य म्हणजे संयम; स्वैराचार नव्हे.
१५२) आयुष्यातला खरा आंनद भावनेच्या ओलाव्यात असतो.
१५३) माणसाने आपल्या आयुष्यात सुख-दुःख मानापमान, स्फूर्ती-निंदा, लाभ हानी, प्रिय-अप्रिय ह्या गोष्टी समान समजाव्यात.
१५४) जीवनातील प्रत्येक क्षणी शिकणं म्हणजे शिक्षण.
१५५) तन्मयता नसेल तर; विद्वत्ता व्यर्थ आहे.
१५६) शिक्षण हे साधन आहे; साध्य नव्हे.
१५७) हसा, खेळा पण शिस्त पाळा.
१५८) आयुष्यात काय गमावलंत ह्यापेक्षा काय कमावलंत ह्याचा विचार करा.
१५९) स्वतः जगा आणि दुसऱ्यालाही जगू द्या.
१६०) तूच आहेस तूझ्या जीवनाचा शिल्पकार !
१६१) काळ्याकुट्ट रात्रीनंतर उद्याची लख्ख पहाट असतेच.
१६२) काळजाची प्रत्येक जखम भरून येते कारण काळ दुःखावर मायेची फुंकर घालत असतो.
१६३) एक साधा विचारसुध्दा तुमचं आयुष्य उजळवू शकतो म्हणून नेहमी नवे विचार मिळवत रहा.
१६४) हे देवा, मला खूप खूप आव्हानं दे व ती पेलण्यासाठी प्रचंड शक्ती दे !
१६५) उगवणारा प्रत्येक दिवस उमलणारा हवा.
१६६) या जन्मावर, या जगण्यावर शतदा प्रेम करावे.
१६७) तुम्हाला मोठेपणी कोणं व्हायचंय ते आजच ठरवा....आत्ताच !
१६८) केल्याने होत आहे रे आधी केलेची पाहीजे.
१६९) दुसऱ्यांच्या गुणाचं कौतुक करायलाही मन मोठं लागतं.
१७०) माणूस म्हणजे गुण व दोष यांचे मिश्रण आहे.
१७१) प्रत्येक क्षण अपल्याला काही ना काही शिकवत असतो.
१७२) व्यायामामुळे बुध्दी आणि मन दोहोंचे सामर्थ्य प्रभावी होते.
१७३) काट्याविना गुलाबाचा कोमलपणा व्यर्थ असतो.
१७४) दुःख हे कधीच दागिन्यासारखं मिरवू नका; वाटू शकलात तर आपला आनंद वाटा.
१७५) शक्तीचा उपयोग नेहमी शहाणपणाने करा. क्रोधाच्या मार्गाने ती वाया घालवू नका.
१७६) जग भित्र्याला घाबरवते आणि घाबरवणाऱ्याला घाबरते.
१७७) दुःख हे बैलालासुध्दा कोकिळेसारखं गायला लावतं.
१७८) शिकणाऱ्याला शिकवावं लागत नाही; तो स्वतःहून शिकतो.
१७९) जग हे कायद्याच्या भीतीने चालत नाही ते सद्विचाराने चालते.
१८०) परिस्थितिला शरण न जाता परिस्थितीवर मात करा.
१८१) ऎकावे जनाचे करावे मनाचे.
१८२) एका वेळी एकच काम आणि तेही एकाग्रतेने करा.
१८३) केवळ ज्ञान असून उपयोग नाही, ते कसं आणि केव्हा वापरायचं याचंही ज्ञान हवं.
१८४) बाह्यशत्रूपेक्षा बऱ्याच वेळी अंतःशत्रूचीच अधीक भीती असते.
१८५) चिंता ही कुठल्याच दुःखावरचा उपाय होऊ शकत नाही.
१८६) तलवारीच्या जोरावर मिळवलेलं राज्य तलवार असेतोवरच टिकतं.
१८७) दुःखातील दुःखिताला सुख म्हणजे त्याच्या दुःखातला सहभाग होय.
१८८) स्वातंत्र्य हा आपला जन्मसिध्द हक्क आहे पण त्याचा स्वैराचार होऊ न देणं हे आपलं आद्यकर्तव्य आहे.
१८९) स्वतःला पुर्ण ज्ञानी समजणाऱ्याचा विकास खुंटला.
१९०) त्रासाशिवाय विद्या मिळणे अशक्य आहे. नव्हे, त्रास कसा सहन करायचा हे शिकणे हीच विद्या !
१९१) जगू शकलात तर चंदनासारखे जगा; स्वत: झीजा आणि इतरांना गंध द्या
१९२) दुबळी माणसे रडगाणी सांगण्यासाठीच जन्माला आलेली असतात.
१९३) पाप ही अशी गोष्ट आहे जी लपवली की वाढत जाते.
१९४) उद्याचा भविष्यकाळ वर्तमानाच्या त्यागातून निर्माण होत असतो.
१९५) जो चांगल्या वॄक्षाचा आधार घेतो त्याला चांगलीच सावली लाभते.
१९६) मरावे परी कीर्तीरूपे उरावे.
१९७) आयुष्य जगून समजते; केवळ ऎकून , वाचून , बघून समजत नाही.
१९८) मूर्ख माणसे आपापसात संभाषण करू लागली की शहाण्या माणसाने मौन धारण करणे योग्य.
१९९) बचत म्हणजे काय आणि ती कशी करावी हे मधमाश्यांकडून शिकावं.
२००) तारूण्य म्हणजे जीवनाचा रचनाकाळ आहे.

Friday, 5 June 2015

दैनिक टाचणावर लिहीण्यासाठी 300 अनमोल सुविचार..!

१) सुरुवात कशी झाली यावर बऱ्याच घटनांचा शेवट अवलंबून असतो.
२) आयुष्यात भावनेपेक्षा कर्तव्य मोठे असते.
३) प्रार्थना म्हणजे मनाचं स्थान
४) जग प्रेमाने जिंकता येतं; शत्रुत्वाने नाही.
५) यश मिळवायचं असेल तर स्वत:च स्वत:वर काही बंधन घाला.
६) प्रत्येकाच्या मनात एक आदर्श व्यक्ती असलीच पाहिजे.
७) ज्याने स्वत:चं मन जिंकलं त्याने जग जिंकलं.
८) यश मिळवण्यासाठी सगळ्यात मोठी शक्ती-आत्मविश्वास.
९) प्रतिकूलतेतही अनुकूलता निर्माण करतो तोच खरा माणूस !
१०) चुकतो तो माणूस आणि चुका सुधारतो तो देवमाणूस !
११) मित्र परिसासारखे असावेत म्हणजे आयुष्याचं सोनं होतं.
१२) छंद आपल्याला आयुष्यावर प्रेम करायला शिकवतात.
१३) आपण जे पेरतो तेच उगवतं.
१४) फ़ळाची अपेक्षा करुन सत्कर्म कधीच करु नये.
१५) उशीरा दिलेला न्याय हा न दिलेल्या न्यायासारखा असतो.
१६) शरीराला आकार देणारा कुंभार म्हणजे व्यायाम.
१७) प्रेम सर्वांवर करा पण श्रध्दा फ़क्त परमेश्वरावरच ठेवा.
१८) आधी विचार करा; मग कृती करा.
१९) आयुष्यत आई आणि वडील यांना कधीच विसरु नका,
२०) फ़क्त स्वत:साठी जगलास तर मेलास आणि स्वत:साठी जगून दुसऱ्यांसाठी जगलास तर जगलास !
२१) एकमेकांची प्रगती साधते ती खरी मैत्री.
२२) अतिथी देवो भव ॥
२३) अपयशाने खचू नका; अधिक जिद्दी व्हा.
२४) दु:ख कवटाळत बसू नका; ते विसरा आणि सदैव हसत रहा.
२५) आपल्यामुळे दुसऱ्याला दु:ख होईल असे कधीही वागू नका.
२६) निघून गेलेला क्षण कधीच परत आणता येत नाही.
२७) खऱ्या विद्यार्थ्याला कधीच सुट्टी नसते. सुट्टी ही त्याच्यासाठी नवं काहीतरी शिकण्याची संधी असते.
२८) उद्याचं काम आज करा आणि आजचं काम आत्ताच करा.
२९) चुकीचा व्यवहार माणसं तोडतो म्हणून तो सत्याने आणि सन्मानाने करा.
३०) नवं काहीतरी शिकण्यासाठी मिळालेला वेळ म्हणजे सुट्टी.
३१) माणसाची चौथी मूलभूत गरज म्हण्जे पुस्तक.
३२) सत्याने मिळतं तेच टिकतं.
३३) जो दुसऱ्यांना देतो त्याला देव देतो.
३४) परमेश्वराच्या आशीर्वादाशिवाय कुठलेही कार्य सिध्दीस जात नाही.
३५) हिंसा हे जगातलं सगळ्यात मोठं पाप आहे; मग ती एखाद्या माणसाची असो वा पशुची !
३६) स्वप्न आणि सत्य यात साक्षात परमेश्वर उभा असतो.
३७) प्राप्तीपेक्षा प्रयत्नांचा आनंद अधिक असतो.
३८) खरी श्रीमंती शरीराची, बुध्दीची आणि मनाची
३९) तडजोड हे आयुष्याचं दुसरं नाव आहे.
४०) वाहतो तो झरा आणि थांबते ते डबकं ! डबक्यावर डास येतात आणि झऱ्यावर राजहंस !!
४१) जो गुरुला वंदन करत नाही; त्याला आभाळाची उंची लाभत नाही.
४२) गर्वाचं घर नेहमीच खाली असतं.
४३) झाडावर प्रेम करणारा माणूस सदैव प्रसन्नच असतो.
४४) माणसाचा सगळ्यात मोठा सदगुण म्हणजे त्याची माणुसकी
४५) क्रांती हळूहळू घडते; एका क्षणात नाही.
४६) सहल म्हणजे माणसिक आनंदाची सामुहिक क्रिडा
४७) मुक्या प्राण्यांवर सदैव प्रेम करा.
४८) आयुष्याच्या प्रवासात प्रवास अत्यावश्यक आहे.
४९) बाह्यसौंदर्यापेक्षा अंतर्गत सौंदर्य जास्त मोलाचं असतं.
५०) मनाची श्रीमंती ही कुठल्याही श्रीमंतीपेक्षा मोठी असते.
५१) तुम्ही आयुष्यात किती माणसे जोडली यावरुन तुमची श्रीमंती कळते.
५२) शिक्षक म्हणजे विद्यार्थ्याचा दुसरा पालकच.
५३) मनाचे दरवाजे नेहमी खुले ठेवा; ज्ञानाचा प्रकाश कुठुन कधी येईल सांगता येत नाही.
५४) आपल्याला मदत करणाऱ्या माणसांशी नेहमी कृतज्ञ रहा.
५५) एखाद्याला गुन्हेगार ठरविताना त्याच्या जागी स्वत:ला ठेवून बघा.
५६) परीक्षा म्हणजे स्वत:च्या आत डोकावून पाहण्याची संधी !
५७) खिडकी म्हणजे आकाश नसतं.
५८) जगण्यात मौज आहेच पण त्याहून अधिक मौज फ़ुलण्यात आहे
५९) वाचन, मनन आणि लेखन म्हणजे अध्ययन.
६०) भाकरी आपल्याला जगवते आणि गुलाबाचं फ़ूल कशासाठी जगायचं हे शिकवते.
६१) कविता म्हणजे भावनांचं चित्र!
६२) संभ्रमाच्या वेळी नेहमी आपल्या कर्तव्याला प्राधान्य द्या.
६३) तुम्ही जेवढं इतरांना द्याल तेवढंच, किंबहुना त्याच्या कित्येक पटीने देव तुम्हाला देईल.
६४) ज्याच्यामधे मानवता आहे तोच खरा मानव !
६५) स्वत:च्या स्वार्थासाठी दुसऱ्याचा वापर कधी करु नका; आणि स्वत:चा वापर कुणाला करु देऊ नका.
६६) अनुभवासारखा दुसरा गुरू नाही.

६७) तुलना करावी पण अवहेलना करू नये.
६८) समाधानी राहण्यातच आयुष्यातलं सगळ्यात मोठं सुख आहे.
६९) आयुष्यातल्या कोणत्याही क्षणी क्रोधाचे गुलाम बनू नका.
७०) मनात आणलं तर या जगात अश्यक्य असं काहीच नाही.
७१) चेहरा हा आपल्या व्यक्तीमत्त्वाचा आरसा असतो.
७२) व्यर्थ गोंष्टींची कारणे शोधू नका; आहे तो परिणाम स्वीकारा.
७३) आवडतं तेच करू नका; जे करावं लागतं त्यात आवड निर्माण करा.
७४) तुम्ही किती जगलात ह्यापेक्षा कसं जगलात याला जास्त महत्त्व आहे.
७५) अश्रु येणं हे माणसाला ह्रदय असल्याचं द्योतक आहे.
७६) विचारवंत होण्यापेक्षा आचारवंत व्हा.
७७) मरण हे अपरिहार्य आहे त्याला भिऊ नका.
७८) आयुष्यात प्रेम कारा ; पण प्रेमाचं प्रदर्शन करू नका.
७९) आयुष्यात कुठलीच नाती ठरवून जोडता येत नाही.
८० प्रायश्चित्तासारखी दूसरी शिक्षा नाही.
८१) तुम्ही जिथे जाल तिथे तुमची गरज निर्माण करा.
८२) सगळेच निर्णय मनाने घेऊ नका; काही निर्णय बुध्दीलाही घेऊ द्या.
८३) काळ्याकुट्ट रात्रीनंतर सुर्य उगवतोचं.
८४) लखलखते तारे पाहण्यासाठी आपल्याला अंधारातच राहवं लागतं.
८५) चांगली कविता माणसाला संवेदनाक्षम बनवते.
८६) तुमची उक्ती आणि कृती यात भेद ठेवू नका.
८७) भुतकाळ आपल्याला आठवणींचा आनंद देतो; भविष्यकाळ आपल्याला स्वप्नांचा आनंद देतो पण आयुष्याचा आनंद फ़क्त वर्तमानकाळच देतो.
८८) चांगला माणूस घडवणे हेच शिक्षणाचे खरे ध्येय आहे.
८९) आयुष्यात सर्वात जास्त विश्वास परमेश्वरावर ठेवा.
९०) उलटा केलेला पिरॅमिड कधीच उभा राहू शकत नाही
९१) पोहरा झुकल्याशिवाय विहिरीतलं पाणी पोहऱ्यात जात नाही.
९२) अत्तर सुगंधी व्हायला फ़ुले सुगंधी असावी लागतात.
९३) मित्राच्या मृत्यूपेक्षा मैत्रीचा मृत्यू अधिक दुःखदायक असतो.
९४) रागाला जिकंण्याचा एकमेव उपाय - मौन !
९५) अती अशा हे दुःखाचं मूळ कारण आहे.
९६) अंथरूण बघून पाय पसरा.
९७) कधी कधी हक्क मागून मिळत नाहीत; ते मिळवावे लागतात.
९८) तुम्हाला ज्या विषयाची माहिती आहे त्याविषयी कमी बोला, आणि ज्या विषयाची माहिती नाही त्या विषयी मौन पाळा.
९९) अतिशहाणा त्याचा बैल रिकामा.
१००) संकटं तुमच्यातली शक्ती, जिद्द पाहण्यासाठीच येत आसताच.

Monday, 1 June 2015

।..विभिन्न संस्थाओं के संस्कृत ध्येय वाक्य..।

आर्य समाज-
॥कृण्वन्तो विश्वमार्यम॥
आर्य वीर दल-
॥अस्माकं वीरा उत्तरे भवन्तु॥
भारत सरकार-
॥सत्यमेव जयते॥
लोक सभा-
॥धर्मचक्र प्रवर्तनाय॥
उच्चतम न्यायालय-
॥यतो धर्मस्ततो जयः॥
आल इंडिया रेडियो- ॥बहुजनहिताय बहुजन‍सुखाय॥
दूरदर्शन-
॥सत्यं शिवम् सुन्दरम्॥
गोवा राज्य-
॥सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्‌भवेत्॥
भारतीय जीवन बीमा निगम-
॥योगक्षेमं वहाम्यहम्॥
डाक तार विभाग -
॥अहर्निशं सेवामहे॥
श्रम मंत्रालय -
॥श्रम एव जयते॥
भारतीय सांख्यिकी संस्थान -
॥भिन्नेष्वेकस्य दर्शनम्॥
थल सेना -
॥सेवा अस्माकं धर्मः॥
वायु सेना -
॥नभःस्पृशं दीप्तम्॥
जल सेना -
॥शं नो वरुणः॥
मुंबई पुलिस -
॥सद्रक्षणाय खलनिग्रहणाय॥
हिंदी अकादमी -
॥अहम् राष्ट्री संगमनी वसूनाम॥
भारतीय राष्ट्रीय विज्ञानं अकादमी -
॥हव्याभिर्भगः सवितुर्वरेण्यं॥
भारतीय प्रशासनिक सेवा अकादमी -
॥योगः कर्मसु कौशलं॥
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग-
॥ज्ञान-विज्ञानं विमुक्तये॥
नेशनल कौंसिल फॉर टीचर एजुकेशन -
॥गुरुः गुरुतामो धामः॥
गुरुकुल काङ्गडी विश्वविद्यालय-
॥ब्रह्मचर्येण तपसा देवा मृत्युमपाघ्नत॥
इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय-
॥ ज्योतिर्व्रणीत तमसो विजानन॥
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय-
॥विद्ययाऽमृतमश्नुते॥
आन्ध्र विश्वविद्यालय -
॥तेजस्विनावधीतमस्तु॥
बंगाल अभियांत्रिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय, शिवपुर -
॥उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान् निबोधत॥
गुजरात राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय -
॥आ नो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः॥
संपूणानंद संस्कृत विश्वविद्यालय -
॥श्रुतं मे गोपय॥
श्री वैंकटेश्वर विश्वविद्यालय-
॥ज्ञानं सम्यग् वेक्षणम्॥
कालीकट विश्वविद्यालय -
॥निर्मय कर्मणा श्री॥
दिल्ली विश्वविद्यालय -
॥निष्ठा धृति: सत्यम्॥
केरल विश्वविद्यालय -
॥कर्मणि व्यज्यते प्रज्ञा॥
राजस्थान विश्वविद्यालय -
धर्मो विश्वस्य जगतः प्रतिष्ठा॥
पश्चिम बंगाल राष्ट्रीय न्यायिक विज्ञान विश्वविद्यालय-
॥युक्तिहीने विचारे तु धर्महानि: प्रजायते॥
वनस्थली विद्यापीठ -
॥सा विद्या या विमुक्तये॥
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (एन॰सी॰ई॰आर॰टी) -
॥विद्ययाऽमृतमश्नुते॥
केन्द्रीय विद्यालय -
॥तत् त्वं पूषन् अपावृणु॥
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड -
॥असतो मा सद् गमय॥
प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, त्रिवेन्द्रम-
॥कर्म ज्यायो हि अकर्मण:॥
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इन्दौर-
॥धियो यो नः प्रचोदयात्॥
गोविंद बल्लभ पंत अभियांत्रिकी महाविद्यालय, पौड़ी-
॥तमसो मा ज्योतिर्गमय॥
मदन मोहन मालवीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, गोरखपुर -
॥योगः कर्मसु कौशलम्॥
भारतीय प्रशासनिक कर्मचारी महाविद्यालय, हैदराबाद-
॥संगच्छध्वं संवदध्वम्॥
इंडिया विश्वविद्यालय का राष्ट्रीय विधि विद्यालय -
॥धर्मो रक्षति रक्षितः॥
संत स्टीफन महाविद्यालय, दिल्ली -
॥सत्यमेव विजयते नानृतम्॥
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान -
॥शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्॥
विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, नागपुर -
॥योग: कर्मसु कौशलम्॥
मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद -
॥सिद्धिर्भवति कर्मजा॥
बिरला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान, पिलानी -
॥ज्ञानं परमं बलम्॥
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर -
॥योगः कर्मसु कौशलम्॥
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई -
॥ज्ञानं परमं ध्येयम्॥
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर -
॥तमसो मा ज्योतिर्गमय॥
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान चेन्नई -
॥सिद्धिर्भवति कर्मजा॥
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की -
॥श्रमं विना न किमपि साध्यम्॥
भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद -
॥विद्या विनियोगाद्विकास:॥
भारतीय प्रबंधन संस्थान बंगलौर -
॥तेजस्वि नावधीतमस्तु॥
भारतीय प्रबंधन संस्थान कोझीकोड -
॥योगः कर्मसु कौशलम्॥
नेपाल सरकार -
॥जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी॥
इंडोनेशिया जलसेना -
॥जलेष्वेव जयामहे॥
असेह राज्य (इंडोनेशिया) -
॥पञ्चचित॥
कोलंबो विश्वविद्यालय (श्रीलंका) -
॥बुद्धि: सर्वत्र भ्राजते॥
मोराटुवा विश्वविद्यालय (श्रीलंका) -
॥विद्यैव सर्वधनम्॥
पेरादेनिया विश्वविद्यालय (श्रीलंका) -
॥सर्वस्य लोचनं शास्त्रम्॥
सेना ई एम ई कोर -
॥कर्मह हि धर्मह॥
सेना राजपूताना राजफल -
॥वीर भोग्या वसुन्धरा॥
सेना मेडिकल कोर -
॥सर्वे संतु निरामया॥
सेना शिक्षा कोर -
॥विदैव बलम्॥
सेना एयर डिफेन्स -
॥आकाशेय शत्रुन जहि॥
सेना ग्रेनेडियर रेजिमेन्ट -
॥सर्वदा शक्तिशालिं॥
सेना राजपूत बटालियन -
॥सर्वत्र विजये॥
सेना डोगरा रेजिमेन्ट -
॥कर्तव्यम अन्वात्मा॥
सेना गढवाल रायफल -
॥युद्धया कृत निश्चया॥
सेना कुमायू रेजिमेन्ट -
॥पराक्रमो विजयते॥
सेना महार रेजिमेन्ट -
॥यश सिद्धि॥
सेना जम्मू काश्मीर रायफल -
॥प्रस्थ रणवीरता॥
सेना कश्मीर लाइट इंफैन्ट्री-
॥बलिदानं वीर लक्षयं॥
सेना इंजीनियर रेजिमेन्ट -
॥सर्वत्र॥
भारतीय तट रक्षक -
॥व्याम रक्षामह॥
सैन्य विद्यालय -
॥युद्धं प्र्गायय॥
सैन्य अनुसंधान केंद्र -
॥बालस्य मूलं विज्ञानम॥
संस्कृत ही भारत का मूल है, भारत का विकास इसी से  है।
💐💐💐💐💐💐💐💐💐

Thursday, 28 May 2015

*बुद्धांची शिकवण*

१) मूर्खांची संगती करु नका.
२) विद्वानांची संगती करा.
३) आदरणीय व्यक्तींचा आदर करा.
४) अनुकूल देशात निवास करा.
५) चांगली कामे करा.
६) चित्तास स्थिर ठेवा.
७) अनेक विषयांचे ज्ञान असू द्या.
८) विद्वान व्हा.
९) संयमी राहा.
१०) बोलणे मधुर व सत्य असू द्या.
११) मातापित्याची सेवा करा.
१२) पत्नी व पुत्राचे पालनपोषण करा.
१३) उपजीविकेचे साधन नि:संशयी व सुस्पष्ट असू द्या.
१४) दानधर्म करा.
१५) धम्माचरण करा.
१६) नातेवाइकांशी चांगले संबंध ठेवून त्यांना वेळोवेळी मदत करा.
१७) निर्दोष कर्मे करा.
१८) पापकर्मापासून अलिप्त राहा.
१९) मादक पदार्थांचे सेवन वर्ज्य करा.
२०) धम्म कार्यात प्रमादरहित असा.
२१) गौरवाची भावना जोपासा.
२२) मनाच्या शांतीची जोपासना करा.
२३) क्षमाशील असा.
२४) संतुष्ट असा.
२५) कृतज्ञ असा. लीन असा.
२६) सुसमयी धम्माचे श्रवण करा.
२७) मधुर भाषी, मितभाषी असा.
२८) नेहमी श्रमणांचे दर्शन घ्या.
२९) ब्रम्हचारी राहा.
३०) चार आर्यसत्यांचा अंगीकार करा.
३१) निर्वाणाचा साक्षात्कार करा.
३२) वेळोवेळी धम्मचर्चा करा.
३३) वैराग्य अंगी बाणा व तपस्वी व्हा.(देहदंड नव्हे)
३४) निंदा, स्तुती, लाभ, हानी ह्या ऎहिक धर्माच्या सानिध्यात आल्यावरही चित्ताला अस्थिर होऊ देऊ नका. चित्तास निर्मळ हेवा.
-नमो बुद्धाय
💐💐💐💐🙏🙏🙏
  ।।पंचशील।।
      
1.मी जीव हिंसे पासुन अलिप्त रहाण्याची शपथ घेतो.
2.मी चोरी करण्यातासुन अलिप्त रहाण्याची शपथ घेतो.
3.मी कामवासनेच्या अनाचारापासुन अलिप्त रहाण्याची शपथ घेतो.
4.मी खोटे बोलण्यापासुन अलिप्त रहाण्याची शपथ घेतो.
5.मी मद्य,मादक तसेच इतर सर्वमोहांत पाडणार्या मादक वस्तुंच्या सेवनातासुन अलिप्त रहाण्याचीं शपथ घेतो.
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🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹
  ...चार आर्य सत्य...
1.दुःख  :
:- मानवी जीवनात विविध स्वरुपात दुःख अस्तित्वात असते.
2.दुःख समुदाय  :
:- दुःख तीव्र इच्छा व तृष्णेपासून निर्माण होते.
3.दुःख निरोध  :
:- तीव्र इच्छा व तृष्णेला समूळ नष्ट करुन दुःखापासून मुक्तता होवू शकते.
4.दुःख निरोगामिनी प्रतिपदा  :
:- दुःख मुक्तिचा मार्ग आहे. तो मार्ग आहे बुद्धांनी मार्गदर्शीत केलेला आर्य अष्टांगिक मार्ग.
↔↔↔↔↔↔↔↔आर्य अष्टांगिक मार्ग
       (सदाचाराचा मार्ग)
1.सम्यक दृष्टि  :- निसर्ग नियमा विरुद्ध कोनतीही गोष्ट होऊ  शकते ही गोष्ट न मानणे.
2.सम्यक संकल्प  :-  म्हणजे योग्य निर्धार, विचार.
3.सम्यक वाचा  :- करुणायुक्त व सत्यपुर्ण वाचा ठेवण्याचा प्रयत्न करणे.
4.सम्यक कर्मांत  :- उत्तम कर्म म्हणजे योग्य कृत्ये करणे.
5.सम्यक आजिविका  :- वाईट मार्गाने आपली उपजिविका न करता ती सन्मार्गानेच करणे.
▶सम्यक व्यायाम :- वाईट विचार निर्माण झाल्यास त्याचा त्वरीत नाश करणे.
7.सम्यक स्मृती  :- तात्विक गोष्टींचे स्मरण करुन चित्तास ( मनाला) जागृत ठेवणे.
8.सम्यक समाधी  :- कोणत्याही वाईट विकारांना स्पर्श होऊ न देता दृष्ट प्रवृत्तीपासून मन् अलग ठेवून चित्त प्रसन्न आणि शांत ठेवणे।
▶▶▶▶▶▶▶▶
   ...दहा पारमिता...
          (शिल मार्ग)
1) शिल  :- शील म्हणजे नितिमत्ता,वाईट गोष्टी न करण्याकडे  असलेला मनाचा कल.
2) दान  :- स्वार्थाची किंवा परतफेडीची अपेक्षा न करता दुसर्याच्या भल्यासाठी स्वतःची मालमत्ता,रक्त,देह अर्पण करणे.
3)उपेक्षा  :-  निरपेक्षतेने सतत प्रयत्न करीत रहाणे.
4) नैष्क्रिम्य  :-  ऐहिक सुखाचा त्याग करणे.
5)वीर्य  :-  हाती घेतलेले काम यत्किंचितही माघार न घेता अंगी असलेल्या सर्व सामर्थ्यानिशी पुर्ण करणे.
6) शांति  :- शांति म्हणजे क्षमाशीलता,द्वेषाने द्वेषाला उत्तर न देणे.
7) सत्य  :- सत्य म्हणजे खरे,मानसाने कधीही खोटे बोलता कामा नये.
8) अधिष्ठान  :- ध्येय गाठण्याचा दृढ निश्चय.
9) करुणा  :- सर्व मानवाविषयीची प्रेमपूर्ण दयाशीलता.
10) मैञी  :- मैञी म्हणजे सर्व प्राणी,मित्र,शञूविषयी देखिल नव्हे तर सर्व जीवनमाञाविषयी बंधुभाव बाळगणे.
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जर आपण या बौद्ध् तत्वांचा, शिकवणुकीचा आपल्या जीवनात अंगीकार केला तर आपले अस्तित्व असताना नक्कीच आपण दुःखमुक्त होऊन आदर्श जीवन जगू शकतो व जीवंतपणीच
मुक्ति प्राप्त करु शकतो.
सबका मंगल हो......🙏🙏🙏