Friday 18 December 2015

I am proud to be on my "teacher's" job

हाँ मैं शिक्षक हूँ। - हाँ मैं शिक्षक हूँ।
उन डाक्टरो के पीछे ; मैं था ।
उन अर्थशास्त्रीयो के पीछे ; मैं था ।।
उन अंतरिक्ष विज्ञानियो के पीछे ; मैं था ज्ञान का प्रकाश लेकर ।।;
भले ही वे मेरा मजाक उङाये।।
हाँ मैं शिक्षक हूँ ।।।।
मेरे पास महंगा घर नही है ; पर हाँ मैं शिक्षक हूँ ।।।।
कभी कभी मैं उलझ जाता हूँ मेरे अधिकारी और राजनेताओ की बदलती नीतियो में ।
जो बताते हैं कि मुझे कैसे पढ़ाना है ।।।
पर फिर भी मैं शिक्षक हूँ और पढा रहा हूँ।।।
जिस दिन वेतन मिलता है ,मैँ औरो की तरह नही हँस पाता हूँ ।
पर अगले दिन मुझे मुस्कुराके जाना होता है उनके लिये जिन्हे मैं पढ़ाता हूँ ।।
क्योकि मै शिक्षक हँ ।
हाँ मैं शिक्षक हूँ ।।
मेरे संतोष का कारण है जब मैं देखता हूँ 
अपने छात्रों को आगे बढते हुए , सफल होते हुए , 
सब कुछ प्राप्त करते हुए , दुनिया का मुकाबला करते हुए।।।
और मैं कहता हूँ गुगल के जमाने में भी मैंनें पढ़ाया है ।।
हाँ मैं शिक्षक हूँ ।।।
कोई बात नहीं वो मुझे किस नजर से देखते हैं ।
कोई बात नहीं वो मुझसे कितना ज्यादा कमाते हैं ।
कोई बात नहीं वो मेरी कितनी इज्जत करते हैं और मानते है।।
वो कारों में घूमते हैं , मैं पैदल चलता हूँ क्योंकि मैं शिक्षक हूँ ।।
हाँ मैं शिक्षक हूँ ।।।  हाँ मैं शिक्षक हूँ ।।।
इसे सभी शिक्षकों के सम्मान मे जन जन तक पहुंचाये ।।।।।।।।

(It's not my created poem. I read it some where; and I like)