Thursday 28 May 2015

*बुद्धांची शिकवण*

१) मूर्खांची संगती करु नका.
२) विद्वानांची संगती करा.
३) आदरणीय व्यक्तींचा आदर करा.
४) अनुकूल देशात निवास करा.
५) चांगली कामे करा.
६) चित्तास स्थिर ठेवा.
७) अनेक विषयांचे ज्ञान असू द्या.
८) विद्वान व्हा.
९) संयमी राहा.
१०) बोलणे मधुर व सत्य असू द्या.
११) मातापित्याची सेवा करा.
१२) पत्नी व पुत्राचे पालनपोषण करा.
१३) उपजीविकेचे साधन नि:संशयी व सुस्पष्ट असू द्या.
१४) दानधर्म करा.
१५) धम्माचरण करा.
१६) नातेवाइकांशी चांगले संबंध ठेवून त्यांना वेळोवेळी मदत करा.
१७) निर्दोष कर्मे करा.
१८) पापकर्मापासून अलिप्त राहा.
१९) मादक पदार्थांचे सेवन वर्ज्य करा.
२०) धम्म कार्यात प्रमादरहित असा.
२१) गौरवाची भावना जोपासा.
२२) मनाच्या शांतीची जोपासना करा.
२३) क्षमाशील असा.
२४) संतुष्ट असा.
२५) कृतज्ञ असा. लीन असा.
२६) सुसमयी धम्माचे श्रवण करा.
२७) मधुर भाषी, मितभाषी असा.
२८) नेहमी श्रमणांचे दर्शन घ्या.
२९) ब्रम्हचारी राहा.
३०) चार आर्यसत्यांचा अंगीकार करा.
३१) निर्वाणाचा साक्षात्कार करा.
३२) वेळोवेळी धम्मचर्चा करा.
३३) वैराग्य अंगी बाणा व तपस्वी व्हा.(देहदंड नव्हे)
३४) निंदा, स्तुती, लाभ, हानी ह्या ऎहिक धर्माच्या सानिध्यात आल्यावरही चित्ताला अस्थिर होऊ देऊ नका. चित्तास निर्मळ हेवा.
-नमो बुद्धाय
💐💐💐💐🙏🙏🙏
  ।।पंचशील।।
      
1.मी जीव हिंसे पासुन अलिप्त रहाण्याची शपथ घेतो.
2.मी चोरी करण्यातासुन अलिप्त रहाण्याची शपथ घेतो.
3.मी कामवासनेच्या अनाचारापासुन अलिप्त रहाण्याची शपथ घेतो.
4.मी खोटे बोलण्यापासुन अलिप्त रहाण्याची शपथ घेतो.
5.मी मद्य,मादक तसेच इतर सर्वमोहांत पाडणार्या मादक वस्तुंच्या सेवनातासुन अलिप्त रहाण्याचीं शपथ घेतो.
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🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹
  ...चार आर्य सत्य...
1.दुःख  :
:- मानवी जीवनात विविध स्वरुपात दुःख अस्तित्वात असते.
2.दुःख समुदाय  :
:- दुःख तीव्र इच्छा व तृष्णेपासून निर्माण होते.
3.दुःख निरोध  :
:- तीव्र इच्छा व तृष्णेला समूळ नष्ट करुन दुःखापासून मुक्तता होवू शकते.
4.दुःख निरोगामिनी प्रतिपदा  :
:- दुःख मुक्तिचा मार्ग आहे. तो मार्ग आहे बुद्धांनी मार्गदर्शीत केलेला आर्य अष्टांगिक मार्ग.
↔↔↔↔↔↔↔↔आर्य अष्टांगिक मार्ग
       (सदाचाराचा मार्ग)
1.सम्यक दृष्टि  :- निसर्ग नियमा विरुद्ध कोनतीही गोष्ट होऊ  शकते ही गोष्ट न मानणे.
2.सम्यक संकल्प  :-  म्हणजे योग्य निर्धार, विचार.
3.सम्यक वाचा  :- करुणायुक्त व सत्यपुर्ण वाचा ठेवण्याचा प्रयत्न करणे.
4.सम्यक कर्मांत  :- उत्तम कर्म म्हणजे योग्य कृत्ये करणे.
5.सम्यक आजिविका  :- वाईट मार्गाने आपली उपजिविका न करता ती सन्मार्गानेच करणे.
▶सम्यक व्यायाम :- वाईट विचार निर्माण झाल्यास त्याचा त्वरीत नाश करणे.
7.सम्यक स्मृती  :- तात्विक गोष्टींचे स्मरण करुन चित्तास ( मनाला) जागृत ठेवणे.
8.सम्यक समाधी  :- कोणत्याही वाईट विकारांना स्पर्श होऊ न देता दृष्ट प्रवृत्तीपासून मन् अलग ठेवून चित्त प्रसन्न आणि शांत ठेवणे।
▶▶▶▶▶▶▶▶
   ...दहा पारमिता...
          (शिल मार्ग)
1) शिल  :- शील म्हणजे नितिमत्ता,वाईट गोष्टी न करण्याकडे  असलेला मनाचा कल.
2) दान  :- स्वार्थाची किंवा परतफेडीची अपेक्षा न करता दुसर्याच्या भल्यासाठी स्वतःची मालमत्ता,रक्त,देह अर्पण करणे.
3)उपेक्षा  :-  निरपेक्षतेने सतत प्रयत्न करीत रहाणे.
4) नैष्क्रिम्य  :-  ऐहिक सुखाचा त्याग करणे.
5)वीर्य  :-  हाती घेतलेले काम यत्किंचितही माघार न घेता अंगी असलेल्या सर्व सामर्थ्यानिशी पुर्ण करणे.
6) शांति  :- शांति म्हणजे क्षमाशीलता,द्वेषाने द्वेषाला उत्तर न देणे.
7) सत्य  :- सत्य म्हणजे खरे,मानसाने कधीही खोटे बोलता कामा नये.
8) अधिष्ठान  :- ध्येय गाठण्याचा दृढ निश्चय.
9) करुणा  :- सर्व मानवाविषयीची प्रेमपूर्ण दयाशीलता.
10) मैञी  :- मैञी म्हणजे सर्व प्राणी,मित्र,शञूविषयी देखिल नव्हे तर सर्व जीवनमाञाविषयी बंधुभाव बाळगणे.
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जर आपण या बौद्ध् तत्वांचा, शिकवणुकीचा आपल्या जीवनात अंगीकार केला तर आपले अस्तित्व असताना नक्कीच आपण दुःखमुक्त होऊन आदर्श जीवन जगू शकतो व जीवंतपणीच
मुक्ति प्राप्त करु शकतो.
सबका मंगल हो......🙏🙏🙏

Monday 25 May 2015

पांडव और कौरव

पाण्डव पाँच भाई थे जिनके नाम हैं -
1. युधिष्ठिर    2. भीम    3. अर्जुन
4. नकुल।      5. सहदेव

( इन पांचों के अलावा , महाबली कर्ण भी कुंती के ही पुत्र थे , परन्तु उनकी गिनती पांडवों में नहीं की जाती है )
यहाँ ध्यान रखें कि… पाण्डु के उपरोक्त पाँचों पुत्रों में से युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन
की माता कुन्ती थीं ……तथा , नकुल और सहदेव की माता माद्री थी ।

वहीँ …. धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्र…..
कौरव कहलाए जिनके नाम हैं -
1. दुर्योधन      2. दुःशासन   3. दुःसह
4. दुःशल        5. जलसंघ    6. सम
7. सह            8. विंद         9. अनुविंद
10. दुर्धर्ष       11. सुबाहु।   12. दुषप्रधर्षण
13. दुर्मर्षण।   14. दुर्मुख     15. दुष्कर्ण
16. विकर्ण     17. शल       18. सत्वान
19. सुलोचन   20. चित्र       21. उपचित्र
22. चित्राक्ष     23. चारुचित्र 24. शरासन
25. दुर्मद।       26. दुर्विगाह  27. विवित्सु
28. विकटानन्द 29. ऊर्णनाभ 30. सुनाभ
31. नन्द।        32. उपनन्द   33. चित्रबाण
34. चित्रवर्मा    35. सुवर्मा    36. दुर्विमोचन
37. अयोबाहु   38. महाबाहु  39. चित्रांग 40. चित्रकुण्डल41. भीमवेग  42. भीमबल
43. बालाकि    44. बलवर्धन 45. उग्रायुध
46. सुषेण       47. कुण्डधर  48. महोदर
49. चित्रायुध   50. निषंगी     51. पाशी
52. वृन्दारक   53. दृढ़वर्मा    54. दृढ़क्षत्र
55. सोमकीर्ति  56. अनूदर    57. दढ़संघ 58. जरासंघ   59. सत्यसंघ 60. सद्सुवाक
61. उग्रश्रवा   62. उग्रसेन     63. सेनानी
64. दुष्पराजय        65. अपराजित
66. कुण्डशायी        67. विशालाक्ष
68. दुराधर   69. दृढ़हस्त    70. सुहस्त
71. वातवेग  72. सुवर्च    73. आदित्यकेतु
74. बह्वाशी   75. नागदत्त 76. उग्रशायी
77. कवचि    78. क्रथन। 79. कुण्डी
80. भीमविक्र 81. धनुर्धर  82. वीरबाहु
83. अलोलुप  84. अभय  85. दृढ़कर्मा
86. दृढ़रथाश्रय    87. अनाधृष्य
88. कुण्डभेदी।     89. विरवि
90. चित्रकुण्डल    91. प्रधम
92. अमाप्रमाथि    93. दीर्घरोमा
94. सुवीर्यवान     95. दीर्घबाहु
96. सुजात।         97. कनकध्वज
98. कुण्डाशी        99. विरज
100. युयुत्सु
( इन 100 भाइयों के अलावा कौरवों की एक बहनभी थी… जिसका नाम""दुशाला""था,
जिसका विवाह"जयद्रथ"सेहुआ था )

"श्री मद्-भगवत गीता"के बारे में-
ॐ . किसको किसने सुनाई?
उ.- श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई।

ॐ . कब सुनाई?
उ.- आज से लगभग 7 हज़ार साल पहले सुनाई।

ॐ. भगवान ने किस दिन गीता सुनाई?
उ.- रविवार के दिन।

ॐ. कोनसी तिथि को?
उ.- एकादशी

ॐ. कहा सुनाई?
उ.- कुरुक्षेत्र की रणभूमि में।

ॐ. कितनी देर में सुनाई?
उ.- लगभग 45 मिनट में

ॐ. क्यू सुनाई?
उ.- कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-ज्ञान सिखाने के लिए।

ॐ. कितने अध्याय है?
उ.- कुल 18 अध्याय

ॐ. कितने श्लोक है?
उ.- 700 श्लोक

ॐ. गीता में क्या-क्या बताया गया है?
उ.- ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है।

ॐ. गीता को अर्जुन के अलावा
और किन किन लोगो ने सुना?
उ.- धृतराष्ट्र एवं संजय ने

ॐ. अर्जुन से पहले गीता का पावन ज्ञान किन्हें मिला था?
उ.- भगवान सूर्यदेव को

ॐ. गीता की गिनती किन धर्म-ग्रंथो में आती है?
उ.- उपनिषदों में

ॐ. गीता किस महाग्रंथ का भाग है....?
उ.- गीता महाभारत के एक अध्याय शांति-पर्व का एक हिस्सा है।

ॐ. गीता का दूसरा नाम क्या है?
उ.- गीतोपनिषद

ॐ. गीता का सार क्या है?
उ.- प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना

ॐ. गीता में किसने कितने श्लोक कहे है?
उ.- श्रीकृष्ण जी ने- 574
अर्जुन ने- 85
धृतराष्ट्र ने- 1
संजय ने- 40.

अपनी युवा-पीढ़ी को गीता जी के बारे में जानकारी पहुचाने हेतु इसे ज्यादा से ज्यादा शेअर करे। धन्यवाद
अधूरा ज्ञान खतरना होता है।
33 करोड नहीँ  33 कोटी देवी देवता हैँ हिँदू
धर्म मेँ।

कोटि = प्रकार।
देवभाषा संस्कृत में कोटि के दो अर्थ होते है,

कोटि का मतलब प्रकार होता है और एक अर्थ करोड़ भी होता।
हिन्दू धर्म का दुष्प्रचार करने के लिए ये बात उडाई गयी की हिन्दुओ के 33 करोड़ देवी देवता हैं और अब तो मुर्ख हिन्दू खुद ही गाते फिरते हैं की हमारे 33 करोड़ देवी देवता हैं...
कुल 33 प्रकार के देवी देवता हैँ हिँदू धर्म मे :-
12 प्रकार हैँ
आदित्य , धाता, मित, आर्यमा,
शक्रा, वरुण, अँश, भाग, विवास्वान, पूष,
सविता, तवास्था, और विष्णु...!

8 प्रकार हे :-
वासु:, धर, ध्रुव, सोम, अह, अनिल, अनल, प्रत्युष और प्रभाष।

11 प्रकार है :-
रुद्र: ,हर,बहुरुप, त्रयँबक,
अपराजिता, बृषाकापि, शँभू, कपार्दी,
रेवात, मृगव्याध, शर्वा, और कपाली।

एवँ
दो प्रकार हैँ अश्विनी और कुमार।

कुल :- 12+8+11+2=33 कोटी
अगर कभी भगवान् के आगे हाथ जोड़ा है
तो इस जानकारी को अधिक से अधिक
लोगो तक पहुचाएं। ।

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

Friday 22 May 2015

Abrivations in technology

!...VERY VERY USEFUL SHORT FORMS...!

1.) GOOGLE : Global Organization Of Oriented Group Language Of Earth .(unofficial)
2.) YAHOO : Yet Another Hierarchical Officious Oracle .
3.) WINDOW : Wide Interactive Network Development for Office work Solution
4.) COMPUTER : Common Oriented Machine Particularly United and used under Technical and Educational Research.
5.) VIRUS : Vital Information Resources Under Siege .
6.) UMTS : Universal Mobile Telecommunications System .
7.) AMOLED: Active-matrix organic light-emitting diode
8.) OLED : Organic light-emitting diode
9.) IMEI: International Mobile Equipment Identity.
10.) ESN: Electronic Serial Number .
11.) UPS: uninterruptiblepower supply .
12). HDMI: High-DefinitionMultimedia Interface
13.) VPN: virtual private network
14.) APN: Access Point Name
15.) SIM: Subscriber Identity Module
16.) LED: Light emitting diode.
17.) DLNA: Digital Living Network Alliance
18.) RAM: Random access memory.
19.) ROM: Read only memory.
20) VGA: Video Graphics Array
21) QVGA: Quarter Video Graphics Array
22) WVGA: Wide video graphics array.
23) WXGA: Widescreen Extended Graphics Array
24) USB: Universal serial Bus
25) WLAN: Wireless Local Area Network
26.) PPI: Pixels Per Inch
27.) LCD: Liquid Crystal Display.
28.) HSDPA: High speed down-link packet access.
29.) HSUPA: High-Speed Uplink Packet Access
30.) HSPA: High Speed Packet Access
31.) GPRS: General Packet Radio Service
32.) EDGE: Enhanced Data Rates for Global Evolution
33.)NFC: Near field communication
34.) OTG: on-the-go
35.) S-LCD: Super Liquid Crystal Display
36.) O.S: Operating system.
37.) SNS: Social network service
38.) H.S: HOTSPOT
39.) P.O.I: point of interest
40.)GPS: Global Positioning System
41.)DVD: Digital Video Disk / digital versatile disc
42.)DTP: Desk top publishing.
43.) DNSE: Digital natural sound engine.
44.) OVI: Ohio Video Intranet
45.)CDMA: Code Division Multiple Access
46.) WCDMA: Wide-band Code Division Multiple Access
47.)GSM: Global System for Mobile Communications
48.)WI-FI: Wireless Fidelity
49.) DIVX: Digital internet video access.
50.) .APK: authenticated public key.
51.) J2ME: java 2 micro edition
53.) DELL: Digital electronic link library.
54.)ACER: Acquisition Collaboration ExperimentationReflection
55.)RSS: Really simple syndication
56.) TFT: thin film transistor
57.) AMR: Adaptive Multi- Rate
58.) MPEG: moving pictures experts group
59.)IVRS: Interactive Voice Response System
60.) HP: Hewlett Packard

Monday 18 May 2015

● General knowledge ●

● दिल्ली में केंद्रीय सचिवालय के उत्तरी और दक्षिणी खंडों का वास्तुविद कौन था— एडवर्ड लुटियंस
● ‘भूदान आंदोलन’ किसने चलाया— विनोबा भावे
● भारत का राष्ट्रीय पंचांग किस संवत् पर आधारित है — शक संवत्
● भारत के राष्ट्रीय ध्वज का डिजाइन किसके तैयार किया था — पिंगली वैंकेया
● सर्वप्रथम किस भारतीय को नोबेल पुरस्कार मिला था— रवींद्र नाथ टैगोर
● ‘स्वदेश वाहनी’ के संपादक कौन थे— के. रामकृष्ण पिल्लै
● ‘इंडियन ओनेस्ट’ का लेखक कौन है— वेलेंटाइन शिरोल
● 1878 ई. का वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट किसने रद्द किया— लॉर्ड रिपन ने
● ‘विश्व इतिहास की झलक’ के रचियता कौन हैं— जवाहरलाल नेहरू
● 27 दिसंबर, 1911 ई. को जन-गण-मन…… कहाँ पर गाया गया था— कोलकाता
● भारत में पहला समाचार पत्र किसने शुरू किया— जेम्सस हिक्की ने
● ‘पोस्ट ऑफिस’ के लेखक कौन हैं— रवींद्र नाथ टैगोर
● भारतीय राजनीति में 1947 ई. के बाद किस महिला ने सर्वाधिक योगदान दिया — अरुणा आसफ अली
● तत्कालीन उड़ीसा किस वर्ष बिहार से पृथक हुआ— 1936 ई.
● सैडलर आयोग का संबंध किससे था— शिक्षा से
● नागरिकों की सेवाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षा प्रणाली कब आंरभ हुई— 1853 ई.
● भारत में सर्वप्रथम किसके अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना हुई — रेग्यूलेटिंग एक्ट 1773 ई.
● भारत में सर्वप्रथम किस स्थान पर सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना हुई— कलकत्ता
● बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक कौन थे— मदन मोहन मालवीय
● भारत में मुसलमानों की उच्च शिक्षा के लिए किसका योगदान सर्वाधिक है— सर सैय्ययद अहमद खाँ
● ‘गोल्डेन थ्रेशहोल्ड’ नामक कविता संग्रह किसकी रचना है— सरोजनी नायडू
● माँटेग्यू-चेम्सफोर्ड की रिर्पाट किसका आधार बनी— भारत सरकार अधिनियम 1919
● कांग्रेस नेताओं में कौन-सा नेता कैबिनेट मिशन योजना के पक्ष में पूर्ण रूप से था— सरदार पटेल
● भारत में ब्रिटेन के सभी नियमों में सबसे कम समय कौन-सा नियम चला— 1909 का इंडियन कौंसिल एक्ट
● ‘सोम प्रकाश’ नामक समाचार पत्र किसने आरंभ किया— ईश्वर चंद्र विद्यासागर
● आर्य महिला सभा किसने की थी— पंडित रमाबाई
● ‘वीमेंस इंडिया एसोसिएशन’ की स्थापना कब व किसने की— 1917 ई., सदा शिव अय्यर ने
● सर्वप्रथम ‘प्रेस सेंसरशिप’ लागू किसने की— लॉर्ड वेलेजली
किस एक्ट के अंतगर्त भारत के गवर्नर जनरल को अध्यादेश जारी करने की शक्ति प्रदान की गई— इंडियन कौंसिल एक्ट 1861
● कांग्रेस का विभाजन गरमदल व नरमदल में कब हुआ — 1907 ई.
● आजाद हिंद फौज की स्थापना किसने की— रासबिहारी बोस
● भारत का विभाजन जब हुआ तो वायसराय कौन था— लॉर्ड माऊंटबेटन
● कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज्य की माँग कब की— 31 दिसंबर, 1929
● ‘क्रिप्स मिशन’ भारत कब आया— 1942
● सर्वप्रथम मुसलमानों के लिए पृथक राज्य का सुझाव किसने दिया— शायर इकबाल ने
● मोपला विद्रोह कब हुआ— 1921
● भारत और अफगानिस्तान के मध्य सीमा रेखा का निर्धारण किसके काल में हुआ— लॉर्ड लैंसडाऊन के काल  ● विश्व भारती की स्थापना कब व किसने की— 1912 में रवींद्र नाथ टैगोर ने
● भगत सिंह को फाँसी की सजा सुनाने वाला न्यायाधीश कौन था— जी. सी. हिल्टन
● ‘भवानी मंदिर’ नामक पुस्तक किसने लिखी— बरिन्द्र कुमार घोष ने
● ‘नया पोस्ट ऑफिस एक्ट’ कब पारित हुआ— 1854 में
● 1857 के संग्राम में भारत का बादशाह किसे घोषित किया गया— बहादुरशाह जफर को


1. संयुक्त राज्य अमरीका के प्रथम राष्ट्रपति कौन थे?— जार्ज वाशिंगटन
2. फादर ऑफ हिज कंट्री के नाम से कौन राष्ट्रपति प्रसिद्ध् हैं?— जार्ज वाशिंगटन
3. किस राष्ट्रपति को मैन ऑफ द पीपुल्स कहा जाता है?— थामस जैफरसन
4. फादर ऑफ द कांस्टीटयूशन के नाम से कौन जाने जाते हैं?— जेम्स मैडिसन
5. अमरीकी राष्ट्रपति के निवासकार्यालय का क्या नाम है?— ह्वाइट हाउस
6. ह्वाइट हाउस में रहने वाले प्रथम अमरीकी राष्ट्रपति कौन थे?— जान एडम्स
7. ह्वाइट हाउस को शुरू में प्रेसीडेंशियल पैलेस या एक्जीक्यूटिव मैंशन के नाम से जाना जाता था। इसका नामकरण ह्वाइट हाउस किस राष्ट्रपति ने किया ?— एंड्रयू जैक्सन
8. अमरीकी राष्ट्रपति का वेतन कितना है?— 2,00,000 डालर वार्षिक
9. अमरीकी राष्ट्रपति को पदभार के लिए शपथ कौन दिलवाता है?— सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश
10. अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव वर्ष के अगले वर्ष के किस तिथि को पदभार ग्रहण करता है?— 20 जनवरी
11. अमरीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति कौन हैं?— बराक ओबामा
12. “Democracy means the government of the people and by the people and for the people” किसने कहा था?— अब्राहम लिंकन
13. सं. रा. अमरीका के वर्तमान राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति कौन हैं?— 13. क्रमश: बराक ओबामा व जान बीडेन
14. ‘डिक्लरेशन ऑफ अमरीकन इनिडपेन्डेन्स’ का प्रारूप किसने बनाया था?— थामस जेफरसन
15. “We do not fear to negotiate, but we do negotiate out of fear.” कथन किसका हैं?— जान एफ. कैनेडी
16. अमरीका के इतिहास में पिता-पुत्र के राष्ट्रपति बनने के दो उदाहरण हैं। वे चारों राष्ट्रपति कौन हैं?— जान एडम्स ( 1797–1801 ) तथा जान किवन्सी एडम्स ( 1825–1829 ) और जार्ज बुश ( 1989–1993 ), तथा जार्ज वाकर बुश ( 2001– 2009 )
17. अमरीकी इतिहास में पितामह-पौत्र के राष्ट्रपति बनने के एक उदाहरण हैं। उनके नाम बताएं?— विलियम हेनरी हैरिसन ( 1891 ) तथा बेंजामिन हैरिसन ( 1889–1843 )

● सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी : संयुक्त राष्ट्र संघ
1. U.N.O. का फुलफॉर्म क्या है?— United Nation Organisation
2. संयुक्त राष्ट्र संघ दिवस किस तिथि को मनाया जाता है?— 24 अक्टूबर
3. संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी में भाषण देने वाले प्रथम व्यक्ति कौन हैं?— अटल बिहारी वाजपेयी
4. संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना किस वर्ष हुई?— 1945 में
5. संयुक्त राष्ट्र संघ के ध्वज की पृष्ठभूमि श्वेत रंग, जैतून की दो ऊपर की ओर खुली हुई शाखाएँ , बीच में विश्व का मानचित्र, हल्की नीली पृष्ठभूमि। यू. एन. ओ. ने इस ध्वज को कब अंगीवमत किया ?— अक्टूबर 1947 में
6. संयुक्त राष्ट्र संघ की अधिवमत भाषाएं-अंग्रेजी, फ्रेंच, चीनी, अरबी, रूसी तथा स्पेनिश है। कार्य करने की कौनसी भाषाएं हैं?— अंग्रेजी और फ्रेंच
7. संयुक्त राष्ट्र संघ का मुख्यालय कहाँ हैं?— न्यूयार्क
8. संयुक्त राष्ट्र संघ के वर्तमान महासचिव कौन हैं?— बान की –मून
9. वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य राष्ट्रों की कुल संख्या कितनी हैं?— 193
10. लैंगिक समानता व महिला सशक्तिकरण के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ के तहत एक नए निकाय का गठन किस नाम से किया गया है?— यू.एन.विमन
11. भारत यू. एन. ओ. का सदस्य किस वर्ष से है?— 1945 से
12. कौन से दो देश यू. एन. ओ. के सदस्य देश नहीं हैं?— वेटिकन सिटी और ताइवान
13. संयुक्त राष्ट्र महासभा की प्रथम महिला अध्यक्ष कौन थीं?— श्रीमती विजय लक्ष्मी पंडित
14. संयुक्त राष्ट्र संघ में ‘वीटो’ का अधिकार किसे प्राप्त हैं?— सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों को
15. संयुक्त राष्ट्र संघ में वीटो का क्या अर्थ है?— मैं मना करता हूँ यानि निषेधात्मक वोट
16. संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना का मुख्य उददेश्य क्या हैं?— अन्तर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखना
17. संयुक्त राष्ट्र संघ के स्थायी सदस्य कौन-कौन से देश है?— सं. रा. अमरीका, यूनाइटेड किंगडम ( यू.के. ), रूस, चीन और फ्रांस
18. अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय कहाँ स्थित है?— हेग ( नीदरलैण्डस )
19. संयुक्त राष्ट्र संघ की लाइब्रेरी किस नाम से जानी जाती है?— हैमरशोल्ड लाइब्रेरी
20. संयुक्त राष्ट्र घोषणा-पत्र की मूल प्रति कहाँ सुरक्षित रखी गई है?— अमरीका के राष्ट्रीय पुरालेखागार में
21. संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख अंग कौन-कौन से हैं?— महासभा, सुरक्षा परिषद, आर्थिक-सामाजिक परिषद, सचिवालय, अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय, न्यासी परिषद
22. संयुक्त राष्ट्र अन्तर्राष्ट्रीय बाल संकट कोष ( UNICEF) का मुख्यालय कहा है?— न्यूयार्क ( अमरीका )
23. संयुक्त राष्ट्र संघ की कार्यपालिका को क्या कहते हैं?— सुरक्षा प

Friday 15 May 2015

My Job...!

🌹..This Poem dedicated to All My Hard-Worker Teacher Friends...

माझी  नोकरी  म्हणजे .......

🌷 माझी  नोकरी  म्हणजे याहूनही खूप काही आहे ,
🌷 ती माझा मोकळा श्वास आहे ,
🌷 समदुःखी मैत्रीणीँचा सहवास आहे ,
🌷 जीवनविषयक  अभ्यास आहे ,
🌷 तो माझा  आत्मविश्वास आहे ,
🌷 मनमोकळ्या हास्याचा तास आहे ,
🌷 अनुभवाचे आकाश आहे ,
🌷 चार भिंतीबाहेर पडण्याचा पास आहे ,
🌷 तिथ काम असूनही विश्रांतीचा भास आहे ,
🌷 घरगुती ताणतणावातून सुटकेचा निश्वास आहे ,
🌷 कर्तुत्व सिद्ध करायचा ध्यास आहे , म्हणून..
🌷 जाण्यायेण्याचा ञास आहे तरी...
🌷 मला नोकरीची आस आहे.....

                                                                      THANX...!

Thursday 14 May 2015

__ ...बाप झालास ना... __

    बाप झालास ना आता,
    तर, बापाच्या इमानास जाग,
    बाळांना लाज वाटणार नाही
    अस, आयुष्यभर वाग
वळवाच्या वादळी पावसागत
कोणावर आता कडाडू नको
ठासुन भरलेली जवानीची तोफ
उगीच तोंडावाटे धडाडू नको
बायको तुझी आता
फक्त बायको नाही राहिली
अरे तुझ्या काळजाच्या तुकड्यांनी
तीच्यात एक जबाबदार आई पाहिली
     म्हणून , जे काही मागायचं ते
     एक पायरी उतरून माग
     बाप झालास ना आता
     तर, बापाच्या इमानास जाग
घरट्यातील पिलांची जाणीव
बेफाम लढणाऱ्या पक्षात असू दे
भांडणात शस्त्र चालवण्यापुर्वी
तू बाप आहे लक्षात असू दे
तुरुंगा पेक्षा तुझी गरज
तुझ्या बाळांना जास्त आहे
पण, शस्त्रा ऐवजी प्रेमाची भाषा
खरच , काय जबरदस्त आहे
    म्हणून घरात असो नाहीतर बाहेर
    आवरायला शिक तू राग
    बाप झालास ना आता
    तर ,बापाच्या इमानास जाग
भरधाव गाडी चालवताना
बाळाला आठवून दाब अँक्सीलेटर
लूळा पांगळा बाप झालातर
स्वतःच्या नशीबावर फोडतील ते खापर
चुकून व्यसनाची वाट धरली असेल तर
आता तरी सोडून दे बाबा
तुझ्या बाळाच्या बाळांनाही
धडधाकट मिळूदे आजोबा
    उगीच घालू नको धोक्यात
    तुझ्या कुटुंबाची नवीन बाग
    बाप झालास ना आता
    तर,बापाच्या इमानास जाग
भ्रष्ट कमईच्या तळतळाटावर
बाळांना मोठं व्हायचं नाही
लुबाडलेल्या प्रतिष्ठीत छताखाली
त्यांना कधीच रहायचं नाही
म्हणून हे साऱ संसारासाठी करतोय
हे सांगन्यात काही अर्थ नाही
स्वाभिमानी बाप होण्यास
ते समजतील तू समर्थ नाही
म्हणून त्याच्या आयुष्यावर पाडू नको
  तुझ्या पापाचा डाग
     बाप झालास ना आता
     तर, बापाच्या इमानास जाग
     तुझ्या बाळांना लाज वाटणार नाही
     असच आयुष्यभर वाग
     बाप झालास ना आता
     तर, बापाच्या इमानास जाग

  • कवी - भालचंद्र कोळपकर.....!

Tuesday 12 May 2015

मूल्यशिक्षण - विनम्रता..!

  • एक छोटीशी गोष्ट..
                                                       एका बर्फाच्या कंपनीमध्ये काम करणाऱ्या व्यक्तीची ही गोष्ट आहे. कामाचा वेळ संपत आला होता सगळे घरी जाण्यासाठी तयार होते. तेवढ्यात कंपनीमध्ये थोडा तांत्रिक बिघाड झाला; म्हणून तो व्यक्ति तो बिघाड दुरुस्त करायला गेला. त्याला काम करण्यात खुप उशीर लागला. तोपर्यंत प्लांट बंद झाला. लाइट बंद करून दरवाजे सील करण्यात आले. अशा परस्थितित त्याचा बर्फ आणि थंडी ने जिव जाणे निश्चित होते. त्या माणसाला काही सुचेनासं झालं. पण, तासाभरात एक चमत्कार झाला. आणि कोणी तरी दरवाजा उघडला तो समोर पाहतो तर सुरक्षा रक्षक हातात टॉर्च घेऊन उभा होता.
                                                     त्याने त्याला बाहेर काढून त्याचा जिव वाचवला. प्लांट बाहेर आल्यावर त्याने सुरक्षा रक्षकाला विचारले की, तुम्हाला कसे कळले की मी आत अडकलोय. सुरक्षा रक्षक म्हणाला,  या प्लांट मध्ये जेवढे लोक काम करतात त्यात तुम्ही एकटेच असे आहात की;  जे रोज मला येताना नमस्कार आणि जाताना राम राम बोलता आणि आज सकाळी तुम्ही कामावर आलात. पण, संध्याकाळी गेला नाहीत. म्हणून माझ्या मनात शंका आली आणि मी पाहायला आलो.
                                                     त्या व्यक्तीला कधी वाटले देखील नव्हते की, त्याचे एखाद्याला एवढा छोटा सन्मान देणे; एक दिवस त्याचा जिव वाचवेल. म्हणून नेहमी लक्षात ठेवा, जेव्हा कधीही कोणाला भेटाल तेव्हा त्याच्या सोबत हसून सन्मान पूर्वक बोलून मग पुढे जा. मला नाही माहीत कधी पण तुमच्या आयुष्यात पण असाच एखादा चमत्कार निश्चित घडेल.

Friday 8 May 2015

अपंगत्व म्हणजे काय..?

‘एखादया आजारामूळे किंवा कुपोषणामूळे व्यक्तींची किंवा त्याच्या इंद्रियांची कार्यक्षमता कमी होणे यांस ‘अपंगत्व ‘असे म्हणतात.’
अपंगत्वाचे प्रकार :-
1.मतिमंदत्व:-
          मति म्हणजे बुध्दी व मंद म्हणजे कमी असणे. ज्या व्यक्तीची बुध्दी प्रत्येक कामात कमी आहे, अशा व्यक्तीस ‘मतिमंद’ म्हटले जाते.
          सर्वसामान्य मुलांपेक्षा बुध्यांक कमी असतो. 70 पेक्षा कमी बुध्यांक असलेल्या मुलांना शिक्षण घेणे अवघड जाते. 70 ते 90 या स्तरातील विदयार्थी प्रयत्नाने शिक्षण घेवू शकतात. गंभीर स्वरूपाच्या मानसिक अपंगांना दैनंदिन क्रियाही शिकवाव्या लागतात.

2.अंधत्व:-
          दृष्टीचा पूर्णपणे अभाव म्हणजेच पूर्ण दृष्टीहीन असणे. दृष्टी सुधारण्यासाठीच्या भिंगाच्या मदतीने त्यातल्या त्यात चांगल्या डोळयासाठी दृष्टी तीक्ष्णता जास्तीत जास्त 60/600 अथवा 20/200 स्नेलन इतक्या प्रमाणातील असणे. दृष्टीक्षेपाची मर्यादा 20 किंवा त्याहून कमी अंशाच्या कोनाइतकी खराब असलेली व्यक्ती यापैकी कोणतेही नेत्रविकार असलेली व्यक्ती ही ‘अंधत्व’ या सदरात येते.
          ज्या व्यक्तीचा दृष्टीदोष शस्त्रक्रिया किंवा चष्मा/कॉन्टॅक्ट लेन्स यासारख्या उपकरणांच्या सहाय्याने कमी झाला असून जी व्यक्ती दैनंदिन व्यवहार करू शकते परंतु दृष्टीदोषाचे प्रमाण 40%पेक्षा अधिक आहे. अशा व्यक्ती ‘कमी दृष्टीच्या व्यक्ती’ म्हणून संबोधल्या जातात.

3.कर्णबधिरत्व:-
          ज्या व्यक्तीचा चांगल्या कानाचा श्रवणऱ्हास 60 डेसिबल किंवा त्यापेक्षा अधिक असेल अशा व्यक्तींना ‘कर्णबधिर व्यक्ती’ म्हणतात.
          सहजपणे लक्षात न येणारे परंतु गंभीर स्वरूपाचे अपंगत्व. बहिरेपणा किंवा कर्णबधिरत्व जन्मापासून असेल तर भाषा वाढीवर परिणाम होतो. वाचाही सदोष राहते व त्यामुळे संवाद साधण्यात अडथळा येतो.

4.चलनवलन विषयक विकलांगत्व:-
           चलनवलन विषयक विकलांगत्व म्हणजेच अस्थिव्यंगत्व. अस्थिव्यंग मुले म्हणजे अशी मुले की, ज्यांची हाडे, सांधे व स्नायु हे योग्यप्रकारे कार्य करत नाहीत. अशा मुलांना ‘अस्थिव्यंग मुले’ असे म्हणतात.
          हे सहज दिसणारे अपंगत्व आहे. या मुलांची हालचालींवरील मर्यादेची त्रुटी दूर केल्यास ती सर्व-सामान्य मुलांप्रमाणे शिक्षण घेवू शकतात. मैदानी खेळ, हस्तकौशल्य याकडे विशेष लक्ष्य पुरवावे लागते.

5.मेंदूचा पक्षाघात:-
           मेंदूचा पक्षाघात म्हणजे मेंदूवर झालेला आघात वा अपघातामुळे मेंदूच्या विकास प्रक्रियेवर परिणाम होउन शरीराच्या एका किंवा अनेक भागाचे नियंत्रण कमी झाल्याने बहुविध प्रकारची विविधांगी विकलांगता असलेली व्यक्ती होय.

6.मानसिक आजार:-
           मतिमंदत्वाखेरीज मेंदूमध्ये अन्य कोणत्याही कारणाने आलेला आजार व त्यामुळे सकारात्म्क वा नकारात्मक ‘मानसिक आजार असणारी व्यक्ती’ होय.

7.कुष्ठरोग बरी झालेली व्यक्ती:-
           ज्या व्यक्तीचा कुष्ठरोग वैदयकियदृष्टया बरा झालेला आहे तथापि हातापायाच्या संवेदना कमी झालेल्या आहेत आणि डोळयांच्या वरच्या भागावरदेखील दृष्टी स्वरूपात कमतरता भासते परंतु प्रत्यक्षात मात्र यापैकी काहीही कमतरता नसते. कुष्ठरोग्याच्या आघातामुळे हातापायात विकृती दिसते. परंतु अशा व्यक्तीच्या हातापायात प्रत्यक्ष कार्यशक्तीमुळे अर्थार्जनासाठी काम करण्याची शक्ती असते. या प्रकारच्या व्यक्ती ‘कुष्ठरोग मुक्त व्यक्ती’ होत.

8.वाचादोष:-
           अडखळत बोलणे, अस्पष्ट बोलणे, शब्दांची तोडफोड करणे, बोलतांना शब्द मागे-पुढे करणे त्यात तारतम्य नसणे यालाच ‘वाचादोष‘ असे म्हणतात.

9.अपस्मार:-
          अपस्मार या शब्दाचा अर्थ झटका येणे, मिरगी येणे किंवा आकडी येणे असा होय.
          अचानक, अनियंत्रित, अतिशय प्रमाणाबाहेर अमर्याद मनावर आघात करणाऱ्या घटना की ज्यामुळे अबोध वर्तनात बदल होतात.
          अपस्मार हा आजार नसून तर एक साचेबदध किंवा रासायनिक विकृतीचे लक्षण आहे. अपस्माराची कक्षा  सामान्यपासून तीव्रपर्यंत असू शकते.

10.स्वमग्नता:-
           स्वमग्नता ही एक अशी मानसिक गुंतागुंतीची अवस्था किंवा विकासात्मक विकृती आहे. त्यात 2.5 ते 3 वर्षाची मुले येतात. या अवस्थेने ग्रस्त मुलांचा शारिरीक व मानसिक विकास होत नाही. त्याचबरोबर त्यांचे भाषिक कौशल्य विकसित होत नाही. अशा मुलांना आपल्या आई-वडीलांची जवळीक हवी नसते. ते नेहमी स्वत:च्याच भाव-स्वप्न विश्वात रमून गेलेले असतात. म्हणून या अवस्थेस ‘स्वमग्नता’ असे म्हणतात.

11.अतिक्रियाशिलता किंवा अतिचंचलता:-
           बालकातील अतिक्रियाशिलता, अतिचंचलता, क्षणभरही शांत किंवा स्वस्थ न बसणे, सतत हालचाल करणे, चौफेर घोडे उधळावित तसे काहीसे त्यांचे वर्तन असते. म्हणून या वर्तनाला ‘अतिक्रियाशिलता किंवा अतिचंचलता’ असे म्हणतात.

12.मस्कुलर डिस्ट्रोफी:-
           हा आजार स्नायुंशी संबंधित आहे. या आजाराने ग्रस्त असणाऱ्या व्यक्तींच्या शरिरातील, ठराविक भागातील, अवयवांतील स्नायुंचे तंतु कमजोर होउ लागतात. किंबहूना नष्ट होउ लागतात. यास ‘मस्कुलर डिस्ट्रोफी’ असे म्हणतात.

13.डाउन सिंड्रोम:-
           हा अनुवांशिक दोष आहे. याने ग्रस्त मुलांची चेहऱ्याची ठेवण मंगोलियन लोंकासारखी असते. रूंद चेहरा, चपटे नाक, गालावर आलेली हाडे, उतरल्यासारखे डोळे, उघडे तोंड व त्यातून जाडशी जीभ सतत आत बाहेर आलेली दिसते. हस्तरेषांमध्ये sinion रेषा फक्त तळहातावर असते.

14.जलमस्तिष्कता:-
          मेंदूमध्ये cerebro spinal fluid नावाचा तरल पदर्थाचा साठा वाढल्यामुळे डोक्यातंर्गत दाब वाढून मेंदूची कवटीही वाढते. त्यामुळे मेंदूच्या कार्यात दोष येतो. यालाच ‘जलमस्तिष्कता’ असे म्हणतात.

15.लहानमस्तिष्कता:-
           अपसामान्य लहान डोक्या सोबतच मतिमंदत्व येण्यास ‘लहानमस्तिष्कता’ असे म्हणतात.

अपंगत्वाची कारणे व प्रतिबंधात्मक उपाय :-
अनुवांशिक कारणे :-
       अ) रंगसुत्रे :-
पुरूष व स्त्रीयांमध्ये ज्या 23 रंगसुत्रांच्या जोडया असतात. यामध्ये पुरूषांमधील 23 पैकी    22 जोडया या क्षक्ष (xx) स्वरूपाच्या असतात. या 22 जोडयांना ‘ॲटोझोमल क्रोमोझोम’ असे म्हणतात. तर 23 वी जोडी ही लिंगनिश्चितीची म्हणजेच ‘सेक्स डिटरमाईन’ असते. ती क्षक्ष (xx) किंवा क्षय (xy) परंतु स्त्रीयांमधील 23 च्या 23 जोडया या क्षक्ष (xx) स्वरूपाच्या  असतात. मुलगा किंवा मुलगी होणे हे पूर्णंत: पुरूष्याच्या 23 व्या जोडीवर अवलंबून असते. 23 रंगसुत्रांच्या जोडयातील 21 व्या जोडीमध्ये एक अतिरिक्त रंगसुत्र  आल्यास डाउन सिंड्रोम ही स्थिती उदभवते.

       ब) गुणसुत्रे :-
ज्याप्रमाणे रंगसुत्राच्या जोडया असतात त्याचप्रमाणे गुणसुत्रांच्याही जोडया  असतात.

       क) नात्यातील लग्न :-
समान रक्त संबंधातील व्यक्तीशी विवाह संबंधातून जन्मास येणारे मुल अपंग असू शकते.

सभोवतालच्या वातावरणातील कारणे :-
E जन्मपूर्व अवस्थेतील कारणे (Pre-natal Causes):-
•      स्त्री-पुरूष वय
•      ‘क्ष‘ किरण तपासणी
•      विषबाधा
•      अमली पदार्थांचे सेवन
•      अनियमीत रक्तदाब
•      शारिरीक अथवा मानसिक आघात / अपघात
•      गर्भपात करण्याचा प्रयत्न
•      मधुमेह
•      स्त्रीला रूबेलाची लागण
•      अपस्मार
•      संसर्गजन्य आजार‍
•      हायपोझिया
•      डॉक्टरांच्या सल्ल्याशिवाय औषधांचे सेवन
•      गर्भवती स्त्रीचा आहार

E प्रसुती होतांनाची कारणे (Natal Causes):-
•      कमी दिवसाचे बाळ
•      कमी वजनाचे बाळ
•      श्वासावरोध  (Asphyxia)
•      प्रसुती कालावधी
•      एकापेक्षा जास्त बाळ जन्मल्यास
•      अपसामान्य सादरीकरण
•      अवजार व हत्याऱ्याच्या सहाय्याने होणारी प्रसुती
•      प्रसुतीचे ठिकाण
•      नाळ आधी बाहेर येणे
•      काविळ
•      स्त्रीला झटके येणे (अपस्मार)
•      रक्तस्त्राव
•      अनियमीत रक्तदाब
•      संसर्गजन्य रोगाची लागण / आजार (Herpes Infection)
•      श्वसनात अडचण
•      ऑक्सिजनचा पुरवठा
•      मेंदूला इजा झाल्यास

     
E प्रसुतीनंतरची कारणे (Post-natal Causes):-

•      दुग्धपान
•      काविळ
•      आघात / जखम
•      संसर्ग
•      झटके  येणे
•      श्वसनात अडचण
•      मेंदूला सूज आल्यास
•      टि. बी झाल्यास
•      विषबाधा झाल्यास
•      योग्य आहार
•      लसीकरण

E मनोसामाजिक कारणे (Psychosomatic Causes):-
·मानसिक – शारिरीक आघात, ताण- तणाव


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Wednesday 6 May 2015

Special Day in Our Life..!

                                                                             " It's a greatful day for us..Last ten years made various changes in my life..! Me & My wife Yogita are going through very difficulties in that ten years..! Now, this day coming in our life again & gives us lot of happiness..! On this day, we hopeful to all of your best wishes are with us...."

Thanx to All...!